मनरेगा कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी रहा जारी

बागेश्वर। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मनरेगा कर्मचारियों ने सामूहिक कार्यबहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने ब्लॉक मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। ग्राम्य विकास या पंचायीराज विभाग में शीघ्र समायोजित करने की मांग दोहराई। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। महात्मा गांधी कर्मचारी संगठन के बैनर पर उपकार्यक्रम अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामर लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने से आक्रोशित हैं। वह दो दिवसीय कलमबंद हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रदर्शन किया और कहा कि मनरेगा कर्मचारियों पंचायतीराज विभाग में समायोजित नहीं किया जा रहा हे। उन्होंने मनरेगा कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड-पे देने की मांग की। इपीएफ, बीमा और स्वास्थ संबंधित सुविधाएं सरकारी कर्मचारियों की भांति नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य अंश ग्रेड-पे निर्धारित कर मानदेय दिया जाए। जिलों के सभी श्रमिकों को बिना भत्ते दिए दूसरे विकास खंडों, न्याय पंचायतों में स्थानांतरण किया गया है। उन्हें यथावत किया जाए। मनरेगा कार्मिकों को सेवादाता संस्था यानी उपनल में रखे जाने की सुगबुगाहट चल रही है। जिसका वह पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने जिलों में हटाए गए कार्मिकों को पुन: बहाली करने और मानदेय में कतई कटौती नहीं करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस मौके पर विशाल नेगी, धीरज सिंह रावत, विक्रम सिंह, हितेश कुमार आर्य, खिलेश चंद्र कर्नाटक, हिमांशु असवाल, हरीश चंद्र, हिमांशु कोहली, नीरज गोस्वामी, संतोष पांडे, प्रियंका रावत, हिमांशु नेगी, पूरन चंद्र कांडपाल, नरेंद्र परिहार, मोहन राम, मोहन गिरी आदि मौजूद थे।