लाखों खर्च करने के बाद भी धूल फांक रहा ऑटोमेटेड ट्रैक
हरिद्वार। रोशनाबाद स्थित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट और टेस्टिंग के लिए लाखों रुपये खर्च कर तैयार किया गया ट्रैक कई माह से धूल फांक रहा है। लाइसेंस पेडों और प्लॉस्टिक के डिवाइडरों के चक्कर लगवाकर बनाए जा रहे हैं। इसमें छोटी-बड़ी गलती भी छिपाई जा रही है। उधर उत्तराखंड पेयजल निगम निर्माण एजेंसी ट्रैक को तैयार कर परिवहन विभाग के सुपुर्द कर चुकी है। बावजूद इसके ऑटोमेटेड ट्रैक को संचालित नहीं किया जा रहा है। इस ट्रैक में हम्स सॉफ्टवेयर और माइक्रोसॉफ्ट एवं मारुति कोलॉब्रेसन सिस्टम लगाया जाना है। पूरा ट्रैक कंप्यूटराइज होने के बाद कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहेगा। केवल सेंसर बेस होगा। ड्राइविंग टेस्ट का रिजल्ट सेंसर के आधार पर ही आएगा। रिजल्ट ट्रैक से आएगा उसके बाद परिवहन अधिकारी अपने लॉगिन से उसको अप्रूवल देंगे। उधर एआरटीओ रत्नाकर सिंह का कहना है कि परिवहन मुख्यालय एवं शासन स्तर पर फाइल चल रही है। शासन स्तर से ट्रैक को एजेंसी के सुपुर्द किया जाना है। परिवहन विभाग के कर्मचारी ट्रैक कक्ष में मौजूद रहेंगे।