क्षतिग्रस्त कांवती पुल को जान जोखिम में डाल कर लांघ रहे लोग

शिमला। कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र की नलटड़ी खड्ड पर कांवती में बना फुटब्रिज बीते कई वर्षों से क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा है। लोग जान हथेली पर रखकर बरसात के दिनों में एंगल को पकड़ कर खड्डको लांघते हैं। इस खड्ड के तेज बहाव से कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। पुल पर लगे लकड़ी के फटटे खड्ड के तेज बहाव में बह चुके हैं और अब केवल पुल के एंगल बचे हैं जोकि टेड़े हो गए है ।
बता दें कि यह पुल मशोबरा ब्लॉक की दूरदराज पीरन पंचायत को ठियोग की सतोग पंचायत को जोड़ता है। इस क्षेत्र के लोगों की आपस में काफी रिश्तेदारियां है। जिस कारण क्षेत्र के लोगों का आना जाना लगा रहता है। ग्रामीण विकास के सौजन्य से करीब 15 वर्ष पूर्व कांवती पुल का निर्माण किया गया था। बरसात के दिनों में जब खड्ड में बाढ़ आती है उस दौरान क्षेत्र के लोगों के लिए आर-पार जाने का एक मात्र विकल्प है। अन्यथा लोगों को वाया जघेड होते हुए करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।
जबकि सीमा पर लगते सिरमौर के जघेड़ तक जाने के लिए कोई भी सरकारी परिवहन व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। विडंबना यह है कि बीते कई वर्षों से इस पुल की दयनीय हालत के बारे में किसी भी सरकार ने गौर नहीं किया। बताया कि इस फुटब्रिज की मरम्मत करवाने के बारे में अनेकों बार कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधियों व स्थानीय पंचायत से आग्रह किया जा चुका है परंतु किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डॉ कुलदीप तंवर ने कहा कि आजादी के सात दशक बीत जाने पर कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र की यह स्थिति देखने को मिल रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने सरकार से मांग की है कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस पुल को तुरंत हटा दिया जाए अन्यथा इसकी मरम्मत की जाए। इनका कहना है कि बीते 20 वर्षों से इस विस क्षेत्र में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व रहा है। परंतु आज तक कांवती पुल नहीं बन पाया है।
खंड विकास अधिकारी मशोबरा डॉ अंकित कोटिया से जब इस बारे बात करनी चाही। उनका फोन पूरा दिन  स्विच ऑफ रहा। जबकि इस कार्यालय के जेई हेमंत ने बताया कि उन्हें इस बारे जानकारी नहीं और मौके पर जाकर इसका निरीक्षण किया जाएगा।

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