काशीपुर(आरएनएस)। सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। कूल्हा प्रत्यारोपण समेत दूसरी प्रकार की सर्जरी के लिए रोगियों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। काशीपुर में आस-पास के शहरों के अलावा कुमाऊं व गढ़वाल क्षेत्र के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की लागत से ट्रामा सेंटर स्थापित किया गया था। छह साल पहले स्थाई हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एके सुंदरियाल के नौकरी छोड़ने के बाद से यहां किसी भी हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हो सकी है। इस दौरान कई हड्डी रोग विशेषज्ञ संविदा पर आए और कुछ समय बाद चले गए। इसके बाद गदरपुर में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव चौहान को विभाग ने काशीपुर सरकारी अस्पताल से संबद्ध किया था। तत्कालीन सीएमएस डॉ. कैमाश राणा के साथ विवाद के चलते दो साल पहले डॉ. राजीव चौहान की संबद्धता खत्म करके उन्हें वापस गदरपुर भेज दिया गया था। बीते दिनों डीजी हैल्थ और केंद्रीय स्वास्थ सचिव ने सरकारी अस्पताल का दौरा किया था। इसके बाद गदरपुर में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. राजीव को सप्ताह में तीन दिन के लिए काशीपुर अस्पताल से फिर संबद्ध किया गया। लेकिन कम अवधि के लिए डॉक्टर की तैनाती के चलते ऑपरेशन नही हो पा रहे है। ऑपरेशन करने के पहले मरीज के टेस्ट कराने पड़ते हैं और ऑपरेशन के बाद रोगियों की निगरानी भी जरुरी है। हफ्ते में तीन दिन की ड्यूटी में यह कर पाना संभव नहीं हैं। सीएमओ मनोज शर्मा का कहना है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ चाहें तो आपरेशन कर सकते हैं। बाद की देखरेख के लिए वहां सर्जन पहले से ही नियुक्त हैं।

Posted inऊधम सिंह नगर