जलस्तर बढऩे से टिहरी झील से सटे गांवों में फिर दहशत का माहौल

देहरादून। टिहरी डैम की झील से सटे गांवों में इस बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। बारिश के चलते झील का जलस्तर बढऩे लगा है, तो गांवों में भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। लोग रात भर सो नहीं पा रहे हैं क्योंकि उनके मकान जर्जर और खतरनाक हो चुके हैं। 17 गांवों के 415 परिवार दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं, लगातार अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सालों से विस्थापन के नाम पर ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं। हर साल टिहरी डैम की झील के पानी के उतार चढ़ाव के चलते झील के आसपास के गांवों में भूस्खलन और भूधंसाव लगातार बढ़ रहा है। इस साल फिर लगातार हो रही बारिश से टिहरी डैम की झील का जलस्तर 759। 95 मीटर पहुंच गया है, जिससे झील से सटे रामगांव, तिवाडग़ांव, उप्पू, भटकंडा, सिराई में भूस्खलन और भूधंसाव हो रहा है। मकानों में दरारें आ गई हैं, तो कई मकान पूरी तरह से टूट चुके हैं। वहीं खेती योग्य भूमि में भी धंसाव के चलते लोग खेती छोडऩे पर मजबूर हैं।

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
प्रभावित ग्रामीण हर साल मकानों की रिपेयरिंग करवाते हैं, लेकिन एक ही बारिश के बाद फिर वही हाल हो जाता है। कई मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं, तो कई जगह फर्श उखड़ चुका है। कई मकान तो ऐसे हैं जो बल्लियों के सहारे टिके हुए हैं। इस पूरी तस्वीर का मतलब यही है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि बरसात में मकान गिरने की चिंता के कारण वो रात भर सो भी नहीं पाते। लोगों का कहना है कि कई बार डीएम से लेकर तमाम अफसरों को शिकायत की जा चुकी है।

क्या कहते हैं जि़म्मेदार?
पुर्नवास निदेशक इवा आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि ग्रामीणों को नुकसान से हुए भुगतान की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। श्रीवास्तव ने कहा कि संबंधित विभाग से स्वीकृति भी आ चुकी है और लोगों की ज़रूरत पूरी की जा रही है। वहीं आपदा प्रबंधन और पुनर्वास मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि जिस गांव को भी विस्थापन की ज़रूरत होगी, किया जाएगा। इस मामले में बजट की कोई दिक्कत नहीं है, जिस जि़ले से रिपोर्ट आएगी, वहां विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी।

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version