
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य के गेस्ट टीचरों और एडहॉक टीचरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार का व्यवहार इनके साथ अच्छा नहीं है। इसको लेकर उन्होंने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालय, इंटर कॉलेज और हाईस्कूल वर्षों से इन्हीं शिक्षकों के दम पर संचालित हो रहे हैं, लेकिन सरकार उनके नियमितीकरण की दिशा में कदम नहीं उठा रही है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि हमारे गेस्ट टीचर या एडहॉक टीचर वर्षों से काम कर रहे हैं, महाविद्यालय, इंटर कॉलेज और हाईस्कूल इन्हीं से संचालित हैं। पता नहीं क्यों सरकार इनके नियमितीकरण की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है। रावत ने शिक्षकों के लंबे अनुभव को नजरअंदाज किए जाने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को 10-12 वर्ष का शिक्षा देने का अनुभव हो गया है, फिर भी जब कोई कमीशन का व्यक्ति आता है तो कार्यरत शिक्षक को कहीं और भेजने के बजाय हटा दिया जाता है। उन्होंने सरकार के इस रवैये को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि जिन लोगों ने उत्तराखंड की शिक्षा को एक सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाया, उनके साथ ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय-समय पर अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग उठाते रहे हैं। वह कई बार शिक्षकों के प्रदर्शनों में शामिल होकर उन्हें अपना समर्थन भी दे चुके हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह बड़ा दिल दिखाते हुए इन शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने की दिशा में तत्काल काम करे, ताकि उनकी अनिश्चितता खत्म हो और शिक्षा व्यवस्था को स्थायित्व मिल सके।