अर्की भाजपा ने कुनिहार में ड़ॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

(आरएनएस  ब्‍यूरो) 
सोलन(अर्की) : विधानसभा क्षेत्र अर्की के कुनिहार में जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई और प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।  इस उपलक्ष्य में पौधारोपण किया गया, जिसमें पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा बतौर मुख्यतिथि शामिल हुए तथा अर्की निर्वाचन क्षेत्र के कोने-कोने से आए वरिष्ठ व युवा नेताओं ने भाग लिया।
इस मौके पर पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा ने कहा कि महापुरुष के जीवन पर बात करना और उनके जयकारे लगाने के साथ उनकी जीवनी को आत्मसात करना भी महत्वपूर्ण है. जितनी संकल्प शक्ति भाजपा के अग्रपुरुषो में है उसे अपनाए ताकि आने वाली पीढ़ी हमे भी उनके समान याद करे। मुखर्जी के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के पश्चात सन 50 तक आते-आते देश की स्थितियां बदलती गई. नेहरू की हठधर्मिता से धारा 370 लागू हुए, आधा कश्मीर चला गया, देश में ऐसे वातावरण तैयार होने लगे, जिसमें देश गुलाम हुआ था।
ऐसे समय में देश हित को सर्वोपरि मानते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर उन्होंने जनसंघ की आधारशिला रखी।  जनसंघ के निर्माण का उद्देश्य देश की अखण्डता की रक्षा के लिए था। डॉ. मुखर्जी ने कहा कि कश्मीर किसी के लिए मिट्टी का टुकड़ा हो सकता है मेरे लिए भारत माता का मुकुट है।  देश के मुकुट पर लगा कलंक 370 जिसके तहत देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान उसे समाप्त करवा कर रहूंगा।  विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपनी हत्या की आशंकाओं के बाद भी धारा 370 के विरोध में जम्मू में एक सभा की और अपना बलिदान दे दिया।  उन्होने कहा कि  जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बलिदान देने की परंपरा आज हर देशवासी के खून में है. देश के लिए परिजन, समाज, संबंधों का त्याग कर राष्ट्रहित ही उनके लिए सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में बोया छोटा सा बीज आज 11 करोड़ संख्या के साथ एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है।
इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व जाने-माने समाज सेवक अमरनाथ कौशल ने कहा कि आज हम जनसंघ के संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्मरण करने के लिए उपस्थित हए है, आजादी के बाद एक विचारधारा के लोग राष्ट्र पर शासन कर रहे थे, तब विकल्प की राजनीति का बीजारोपण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की। उन्होंने देश की संस्कृति मिट्टी से जुड़ी वैकल्पिक विचारधारा लिए जनसंघ की स्थापना की।  एक अद्भुत व्यक्तित्व जिन्होंने 33 साल की उम्र में कुलपति के पद को कलकत्ता जैसे शहर में सुशोभित किए।. नेहरू मंत्रिमंडल में डॉ श्यामाप्रसाद मंत्री बने. देश में औद्योगिकरण विचारधारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की देन है।  1950 में नेहरू लियाकत समझौता के बाद उन्होंने नेहरू पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।  उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के बाद न केवल कश्मीर अपितु पंजाब और बंगाल का बहुत सारा हिस्सा दूसरे हाथों में जाने से बचा। स्वागत में जिला परिषद सदस्य व भाजपा के वरिष्ठ नेता अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि आज मोदी द्वारा कश्मीर में धारा 370 हटाया गया है., उसकी भूमिका 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तय कर दी थी।  देश के लिए सर्वस्व निछावर करने की जो प्रेरणा उन्होंने दी उसका अनुगमन आने वाले समय में भाजपा के अनेक नेताओं ने किया।  कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मंडलाध्यक्ष बालक राम शर्मा, जिला परिषद सदस्य अमर सिंह ठाकुर, मनलोगकला के पूर्व प्रधान गीताराम कौशल, जिला सह मीडिया प्रभारी इंद्रपाल शर्मा, जिला सचिव सुरेश जोशी, पूर्व सचिव ओम प्रकाश भारद्वाज, पलानिया पंचायत के प्रधान यशवंत सिंह, बलेरा पंचायत के प्रधान आशीष कौशल, बीडीसी सदस्य योगेश शर्मा, भारतीय राज्य पेंशन महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष केसी शर्मा, जिला महामंत्री श्यामानंद शांडिल, कुनिहार इकाई के प्रधान ओम प्रकाश भारद्वाज, महामंत्री मनीराम, ओमप्रकाश गर्ग,हेतराम ठाकुर,शंकर सिंह ठाकुर, चेतराम तंवर, रामस्वरूप तंवर पूर्व उप-प्रधान हाटकोट राजेश शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।