जीबी पंत पर्यावरण संस्थान में टैक्सस वालिचियाना पौधों का रोपण

अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा के पर्यावरण आंकलन एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के तहत संस्थान में टैक्सस वालिचियाना का रोपण किया गया। 26 मई से 05 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत भूमि बहाली, सूखे से निपटने और मरुस्थलीकरण का रोकथाम विषयगत क्षेत्रों के तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल ने सबको सूखे से निपटने वाले जंगली खाद्य पदार्थों, औषधीय पौधों (टैक्सस वालिचियाना) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टैक्सस वालिचियाना पौधे की पत्तियां और छाल टैक्सोल का मुख्य स्रोत होती है जिसमें कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने की एक अनोखी क्षमता होती है। इसके अतिरिक्त इसकी छाल और पत्तियों का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न दवाओं को तैयार करने के लिए किया जाता है। उन्होंने वृक्षारोपण के महत्व और पर्यावरण तथा मानव जीवन पर इसके प्रभाव से भी सबको अवगत कराया। कार्यक्रम में कम्ब्रिया विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम के प्रोफेसर इयान कोनवेरी, प्रोफेसर डॉ रिचर्ड जॉनसन, बाथ स्पा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ स्टेफ़नी ग्रेशोन, संस्थान के वैज्ञानिक डॉ मिथिलेश सिंह, डॉ सुमित राय, महेश चन्द्र सती समेत पर्यावरण आकलन एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र के लगभग 50 शोधार्थियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।