गढ़ कौथिग में झलकेगी उत्तराखंड की संस्कृति
देहरादून(आरएनएस)। गढ़वाल भ्रातृ मंडल संस्था क्लेमनटाउन की ओर से इस बार भी गढ़ कौथिग का आयोजन किया जाएगा। आठ नंवबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय कौथिग में उत्तराखंड की संस्कृति के विविध रंग देखने को मिलेंगे। बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में संस्था के अध्यक्ष ओम प्रकाश बहुगणा ने बताया कि पहाड़ों से हो रहे पलायन के कारण हमारी परम्परागत लोक संस्कृति और विरासतों का विलुप्त हो रहा है। गढ़ कौथिक मेले के माध्यम से हम अपनी नई पीढ़ी को पुराने रीति-रिवाज, संस्कृति और विरासतों से रूबरू करते हैं। उन्होंने सभी प्रवासियों से गढ़ कैथिग मेले के लिए हर संभव मदद की अपील की। संस्था के महासचिव दीपक नेगी ने कहा कि इस बार गढ़ कौथिग मेले में पहाड़ के परम्परागत खान पान को प्राथमिकता दी जाएगी है। जिसमें रोट, अरसा,काली दाल की पकौड़, भरी रोटी, गहत का फाणू, मण्डुवे की रोटी, झंगोरे की खीर, मूली की थिच्वाणी प्रमुख रहेंगे। 8 सितम्बर को लोक गायिका आकांक्षा रमोला और साहब सिंह रमोला, 9 को लोकगायक बीरेन्द्र राजपूत, अंजलि खरे और 10 को लोक गायिका अनुराधा निराला की सांस्कृतिक संध्या होगी। इस मौके पर संस्था के वरिष्ठ संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष कर्नल एचएम बर्थवाल, बादर सिंह रावत, निवतर्तमान पार्षद राजेश परमार, भंडार रक्षक रमेश चमोली, सह मेला अधिकारी अशोक सुन्द्रियाल, प्रेस सचिव भानु प्रकाश नेगी, राजूल नौटियाल, बिक्रम नैथानी, आरबी ध्यानी मौजूद रहे।