फाइनेंस कंपनी को पौने सत्रह लाख देने के आदेश
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रभारी अधिकारी, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड नई दिल्ली को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। आयोग ने फाइनेंस कम्पनी को सोलह लाख 83 हजार नौ रुपये चौंतीस पैसे छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति 10 हजार रुपये व शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्तागण को अदा करने के आदेश दिए हैं।
यादवपुरी न्यू रामनगर रुड़की निवासी शिकायतकर्ता सुरजीत दिलमित सिंह व हरविंदर कौर ने एक शिकायत प्रभारी अधिकारी फाइनेंस कंपनी के खिलाफ दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया था कि 28 जून 2014 में आवासीय निर्माण के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये लोन स्वीकृत कराया था। उक्त लोन की प्रतिमाह किश्त एक लाख 30 हजार 224 रुपये जमा करते आ रहे थे। आगे बताया कि सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार 8.65 प्रतिशत ब्याज दर नियत है। लेकिन उक्त फाइनेंस कंपनी द्वारा 11.62 प्रतिशत वार्षिक वसूला जाता रहा है। शिकायतकर्ता ने फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों से कई बार इस बारे में कहा,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
ऐसे में फाइनेंस कंपनी ने उससे अधिक ब्याज के रूप में 16 लाख चार हजार रुपये व ओवर ड्यूज के रूप 79 हजार 91 रुपये वसूल लिए। जबकि वर्तमान में आवासीय लोन दर 7.1 प्रतिशत वार्षिक दर चली आ रही है। शिकायतकर्ता ने फाइनेंस कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। यही नहीं, शिकायतकर्ता ने बताया कि फाइनेंस कम्पनी के अधिकारी पर उक्त धनराशि वसूलने के लिए धमकी देने का आरोप लगाया था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी।