Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राज्य
  • हिमाचल प्रदेश
  • नौणी में सेब दिवस पर सघन खेती के बारे में किसानों को किया अवगत
  • सिरमौर
  • सोलन
  • हिमाचल प्रदेश

नौणी में सेब दिवस पर सघन खेती के बारे में किसानों को किया अवगत

RNS INDIA NEWS 28/07/2021
default featured image

 

आरएनएस ब्यूरो

सोलन। डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के फल विज्ञान विभाग ने बुधवार को विश्वविद्यालय में ‘सेब दिवस’ का आयोजन किया। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना (एचपी एचडीपी) के तहत शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के विभिन्न क्लस्टर के लगभग 100 बागवानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। आयोजन के पीछे का उद्देश्य उन बागवानों की समस्याओं का समाधान करना था, जिन्होंने इस परियोजना के तहत पहले से ही उच्च घनत्व वाले बगीचे लगाए हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम की शुरुआत, वर्ष 2016 में लगाए गए उच्च घनत्व वाले बगीचों की फील्ड विजिट से आरंभ हुई। जेरोमाइन, रेड वेलोक्स, रेड कैप वाल्टोड, स्कारलेट स्पर- II, सुपर चीफ, गेल गाला, रेडलम गाला और एविल अर्ली फ़ूजी जैसी विभिन्न किस्मों एम9 और एमएम106 रूटस्टॉक्स को अलग-अलग दूरी और प्रशिक्षण प्रणालियों को अपनाकर लगाया गया है।

फील्ड विजिट के दौरान विभाग के वैज्ञानिकों ने किसानों के प्रश्नों का उत्तर दिया, जिसके बाद डॉ. एलएस नेगी सभागार में एक किसान वैज्ञानिक परिचर्चा आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पोषक तत्व प्रबंधन, कीट और रोग प्रबंधन और समग्र प्रबंधन पर किसानों के प्रश्नों को संबोधित किया। किसानों को विभिन्न रूटस्टॉक्स और उनकी विशेषताओं के बारे में भी बताया गया। आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जहां विश्वविद्यालय नियमित रूप से विभिन्न फलों और सब्जियों की खेती से संबंधित तकनीकी जानकारी अपलोड कर रहा था, के बारे में भी जानकारी साझा की गई।

फल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी शर्मा ने बताया कि किसानों को पौधों के उचित स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए अनुशंसित स्प्रे शेड्यूल का पालन करना चाहिए। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक सलाह लेते समय विशेषज्ञों के साथ सही जानकारी साझा करने की भी सलाह दी ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त किया जा सके। निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंदर शर्मा, जो विश्वविद्यालय में एचडीपी के नोडल अधिकारी भी हैं, ने इस परियोजना के तहत उच्च घनत्व वाले सेब के बगीचे पर पैकेज ऑफ प्रैक्टिस (पीओपी) के विकास के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए गए परीक्षणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उपयुक्त किस्मों और रूटस्टॉक्स की पहचान के लिए विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों में किए जा रहे परीक्षणों के परिणामों के साथ-साथ आदर्श पौधे की दूरी और कैनोपी प्रबंधन तकनीकों को पीओपी में शामिल किया जा रहा है।

इस अवसर पर डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय में काफी समय बाद किसानों को वापस देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और किसानों के संयुक्त प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ है कि अब सेब को कम ऊंचाई पर लगाया जा रहा है। डॉ. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के प्रयासों से चार साल के उच्च घनत्व वाले बगीचे में 42 मीट्रिक टन उत्पादकता आई है। उन्होंने सलाह दी कि उत्पादकता में सुधार के लिए किसानों को वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और विभाग के अनुशंसित कार्यक्रम का पालन करते हुए सही किस्म, रूटस्टॉक के साथ-साथ उचित बाग प्रबंधन का निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. कौशल ने किसानों से मुख्य परिसर, केवीके और क्षेत्रीय स्टेशनों पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से उनके मार्गदर्शन के लिए संपर्क करने का आग्रह किया। रोपण सामग्री के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों की मांग को पूरा करने के लिए पौधों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया में है और रूट स्टॉक का प्रसार भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर जिला सिरमौर के किसान विक्रम सिंह और यशवंत सिंह, शिमला के कौल राम और पवन, सोलन के मनदीप वर्मा और अशोक कुमार को विश्वविद्यालय द्वारा उच्च घनत्व वाले सेब बगीचों में सराहनीय कार्य करने पर सम्मानित किया। कार्यक्रम में निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. दिवेंद्र गुप्ता, डीन हॉर्टिकल्चर डॉ. अंजू धीमान, रजिस्ट्रार प्रशांत सरकेक सहित सभी विभागाध्यक्षों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: सेलाकुई में प्रस्तावित पशु शवदाह गृह का विरोध
Next: सहारनपुर से लापता युवक का शव गंगनहर में मिला

Related Post

default featured image
  • हिमाचल प्रदेश

दवा नियंत्रण टीम की बड़ी कार्रवाई, अचानक मारा छापा, नकली दवा रैकेट का किया भंडाफोड़

RNS INDIA NEWS 06/07/2025
default featured image
  • हिमाचल प्रदेश

13 वर्षीय भतीजी से दरिंदगी करने वाले चाचा को कोर्ट की कड़ी सजा

RNS INDIA NEWS 06/07/2025
default featured image
  • मण्‍डी
  • हिमाचल प्रदेश

मंडी में भारी तबाही से जानमाल का नुकसान, अब तक 13 की मौत

RNS INDIA NEWS 03/07/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • राशिफल 13 अक्टूबर
  • रील बनाने के नाम पर पुलिस कर्मी के बेटी से दुष्कर्म
  • जखोली में पर्यटन विकास मेला 25 से, तैयारियां तेज
  • बीजों के चयन से पहले जलवायु का भी रखें ध्यान
  • अशासकीय वित्त विहीन स्कूलों ने अनुदान को लेकर दी आंदोलन की चेतावनी
  • 1347 एलटी शिक्षकों को मिलेंगे नियुक्ति पत्र :  डॉ. धन सिंह रावत

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.