शूलिनी यूनिवर्सिटी में 19 जुलाई से ‘रीडिफाइनिंग टीचिंग’ पर फैकल्टी प्रोग्राम
आरएनएस ब्यूरो
सोलन। शूलिनी विश्वविद्यालय में लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर “रीडिफाइनिंग टीचिंग: चैलेंजेस एंड फ्यूचर रेडीनेस” विषय पर 5 दिवसीय फैकल्टी प्रोग्राम का आयोजन कर रहा है, जो सोमवार से शुरू होगा।
कार्यक्रम में भारत और विदेशों के कई प्रख्यात शिक्षाविदों द्वारा व्यावहारिक कार्यशालाएं, पैनल चर्चा और विशेषज्ञ वक्ता सत्र में शामिल होंगे। कार्यक्रम शिक्षकों को यह समझने का अवसर प्रदान करेगा कि भविष्य में शिक्षण कैसा दिखेगा, वे अपने शिक्षण में अधिक प्रभावी होने के लिए अतीत और वर्तमान से क्या सीख सकते हैं। इसमें इस बात पर भी चर्चा होगी कि प्रौद्योगिकी क्या भूमिका निभाएगी, वे कैसे प्रभावी प्रस्तुतिकरण कर सकते हैं और आगे बढ़ने के लिए हाइब्रिड या मिश्रित प्रारूप शिक्षण का मुख्य आधार क्या होगा।
भाग लेने वाले कुछ प्रख्यात वक्ताओं में डॉ फ्लोरेंस मार्टिन, यूएनसी चार्लोट यूएसए ,डॉ पेट्रा तुर्कमा अबू धाबी विश्वविद्यालय , एडमास विश्वविद्यालय के डॉ नवीन दास, जीजेयू से प्रोफेसर करम पाल नरवाल और सेंट्रल विश्वविद्यालय हरियाणा से प्रोफेसर आनंद शर्मा शामिल होंगे। इनके अलावा शूलिनी के कुलाधिपति और कुलपति और कुछ वरिष्ठ फैकल्टी भी विभिन्न सत्रों का हिस्सा होंगे।
शूलिनी विश्वविद्यालय में जूलॉजी के अंतिम वर्ष के छात्र, भानु प्रताप सोलंकी, जो एक पेशेवर डिजाइनर भी हैं, डिजिटल कहानी कहने के साथ-साथ आकर्षक प्रस्तुतियाँ देने के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित करेंगे। यह कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी शिक्षकों के लिए निशुल्क है और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। पंजीकरण पूछताछ के लिए संपर्क करें: kamalkant@shooiniuniversity.