
अल्मोड़ा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, अल्मोड़ा में माध्यमिक स्तर के भूगोल प्रवक्ताओं के लिए आयोजित पांच दिवसीय भौगोलिक सूचना तंत्र (जीआईएस) तकनीकी ज्ञान जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन यूकॉस्ट के तकनीकी सलाहकार और एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के जीआईएस एवं रिमोट सेंसिंग विभाग में विजिटिंग प्रोफेसर जीवन सिंह रावत, शिक्षा संकाय की संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रिजवाना परवीन सिद्धकी तथा संस्थान के प्राचार्य ललित मोहन पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला का संचालन समन्वयक रमेश सिंह रावत, विभागाध्यक्ष जिला संसाधन एकक, डायट अल्मोड़ा द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि और मुख्य संदर्भदाता प्रोफेसर जीवन सिंह रावत ने जीआईएस की परिभाषा, इतिहास, स्थानिक व गैर-स्थानिक आंकड़ों के उपयोग, रास्टर और वेक्टर डाटा के स्वरूप तथा अल्मोड़ा जनपद के शैक्षिक संस्थानों के जीआईएस मानचित्र के माध्यम से जिले और राज्य की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने शिक्षा, अनुसंधान और प्रशासन में जीआईएस तकनीक के उपयोग पर भी व्याख्यान दिया। डायट प्रवक्ता रमेश सिंह रावत ने नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में तकनीकी शिक्षा और विशेष रूप से भूगोल विषय में जीआईएस तकनीक की भूमिका पर प्रयोगात्मक व्याख्यान प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर रिजवाना परवीन सिद्धकी ने शिक्षण और प्रशिक्षण में जीआईएस जैसी तकनीकों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य ललित मोहन पांडे ने तकनीकी प्रशिक्षण की अनिवार्यता पर जोर दिया और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में ई. वरुण सिंह रावत, डॉ. प्रकाश पंत, हरवंश सिंह बिष्ट, डॉ. कमलेश सिराड़ी, डॉ. भुवन चंद्र पांडे, उमेश मिश्रा, गोविंद सिंह अलमिया, ललित मोहन लोहनी, खीमूली देवी, किशन सिंह भंडारी सहित जिले के कई भूगोल प्रवक्ता और डीएल प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।


