धूपबत्ती बनाने का दिया प्रशिक्षण

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन विभाग द्वारा वानिकी विषय के छात्र-छात्राओं को फूलों एवं अन्य प्राकृतिक सुगंधित द्रव्यों का उपयोग कर हर्बल धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने इस तरह के कार्यक्रमों पर खुशी जताते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए हमें उपलब्ध जैव संसाधनों का बेहतर उपयोग सीखना जरूरी है।
वानिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो.आरसी सुंद्रियाल ने कहा कि विवि द्वारा हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के साथ हिमालय क्षेत्र के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों पर शोध कार्य करने एवं पर्यावरण अनुकूल तकनीकी विकसित कर आम जनमानस के लिए आजीविका संवर्धन का साधन के रूप में विकसित करने हेतु समझौता पत्र हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके अंतर्गत हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर से आए वैज्ञानिकों डा. सुखजेंद्र सिंह एवं डा. रॉबिन जोशी ने मंदिरों के फूलों एवं अन्य सुगंधित पादपों के वेस्ट से रसायन मुक्त धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया। डा.सुखजेंद्र सिंह ने कहा कि संस्थान द्वारा हिमालयन जैव संपदा पर आधारित 85 से अधिक तकनीकियां विकसित की गईहैं। कार्यक्रम संयोजक डा.जेएस बुटोला ने कहा कि हर्बल धूपबत्ती न केवल पर्यावरण को शुद्ध करती है बल्कि इसके धुएं से वातावरण में फैले रोगाणु भी नष्ट होते हैं। साथ ही कई लोगों को इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।

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