धोखाधड़ी मामले में बैंक अफसर को दो वर्ष की कैद
हरिद्वार। धोखाधड़ी कर फर्जी हस्ताक्षर से पौने चार लाख रुपये हड़पने के मामले में एसीजेएम रवि रंजन ने आरोपी बैंक अधिकारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी बैंक अधिकारी को दो वर्ष की कठोर कैद और चार लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही, अर्थदंड की राशि में से तीन लाख रुपये बतौर प्रतिकर राशि शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। शासकीय अधिवक्ता राजू विश्नोई ने बताया कि शिकायतकर्ता ओमप्रकाश ने 11 जून 2012 को देवपुरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में अपने खाते से दो लाख रुपये निकालने के लिए चेक दिया था। लेकिन बैंक कर्मचारी ने उसे खाते में केवल पांच हजार रुपये कहकर चेक वापस कर दिया था। जबकि शिकायतकर्ता ने खाते में चार लाख रुपये जमा किए थे। खाते को चेक करने पर मालूम हुआ कि एक महीने के भीतर उसके खाते से दो लाख और एक लाख 70 हजार दो बार चेक के माध्यम से निकले हुए हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन दोनों चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए। यही नहीं, इस नम्बर सीरीज की चेकबुक भी उसके पास नहीं है। जांच के बाद पता चला कि बैंक के ही पासिंग अधिकारी सोमेश कुमार भटनागर ने उन दोनों चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर कर उक्त धनराशि निकाली है। पुलिस ने आरोपी बैंक अधिकारी को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में छह गवाह पेश किए। कोर्ट ने अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर दोषी बैंक अधिकारी को तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित करने के आदेश दिए हैं।