साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर नजर
देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों पर एसटीएफ अंकुश लगाएगी। इसके लिए एसटीएफ को अलग से टास्क दिया गया है। इसके तहत एसटीएफ ने एक टीम गठित कर सेंट्रल पोर्टल से आने वाले मामलों की जांच में लगाया गया है। बीते एक माह में पूरे प्रदेश में 31 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
गृह मंत्रालय का साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (सीसीआरपी) चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर नजर रखता है। बीते दिनों सीसीआरपी ने उत्तराखंड से संबंधित 315 मामले पुलिस को भेजे थे। ये सभी वीडियो, फोटोग्राफ आदि थे जो उत्तराखंड में देखे और शेयर किए जा रहे थे। इनमें कंटेंट भी उत्तराखंड का ही बताया गया था। मसलन, बच्चे या अन्य कोई सामग्री।
एसटीएफ के अनुसार इस रिपोर्ट के बाद एक टीम गठित कर जांच में लगाई गई है। बीते एक माह से भी कम समय में एसटीएफ की टीम ने 50 से अधिक मामलों में जांच पूरी की है। इनमें से 31 मामलों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अन्य मामले जो उत्तराखंड से संबंधित नहीं थे उनकी रिपोर्ट भी भेज दी गई है।
यदि भूले से भी आप किसी ऐसी वेबसाइट या कंटेंट पर क्लिक करते हैं जिसमें बच्चों का शोषण आदि दिखाया जा रहा है तो सावधान हो जाएं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी शेरयर करना ही नहीं बल्कि अपने मोबाइल या लैपटॉप पर देखना भी अपराध की श्रेणी में आता है। पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, वीडियो, लेख, ऑडियो व अन्य सामग्री आती है जिसकी प्रकृति यौन हो। यह नग्नता पर आधारित हो। ऐसी सामग्री को सोशल मीडिया पर वायरल करने या किसी को भेजने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना भी गैर कानूनी माना जाता है।
एसएसपी, एसटीएफ अजय सिंह, का कहना है कि सीसीआरपी से उत्तराखंड को जो 315 मामले सौंपे गए थे, उनमें से 31 में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन इन सभी मामलों में जांच कर रहा है। जल्द ही कुछ और मुकदमे भी दर्ज किए जा सकते हैं।