कोविड के साये में बड़ी चुनौती बना है चुनाव का प्रचार

रुड़की।  इस चुनाव में अपने पक्ष में प्रचार करना नए उम्मीदवारों के साथ ही पुराने दिग्गज नेताओं के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। 14 फरवरी को सभी सीटों पर एक साथ मतदान होना है, परंतु इस अवधि में कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए हर गांव के मतदाताओं से संपर्क कैसे हेागा, इसे लेकर नेता उहापोह में हैं।
इस बार विधानसभा चुनाव पिछले सारे चुनावों से अलग है। इस बार पूरी प्रक्रिया कोविड के साए में पूरी की जा रही है। भीड़-भाड़ की वजह से कोरोना न फैले, इसके लिए चुनाव आयोग के साथ ही प्रशासन भी खासा सख्त है। अभी तक जनसभाओं व रैलियों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बंद हॉल में भी सीमित संख्या के साथ सोशल डिस्टेंसिंग, कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बैठक करने की अनुमति दे रहा है। ऐसे में प्रत्याशियों के लिए अपने पक्ष में प्रचार करना बड़ी चुनौती बना हुआ है। पहली बार चुनाव के मैदान में उतरे उम्मीदवार ही नहीं, बल्कि कई बार चुनाव लड़ चुके पुराने दिग्गज भी इसे लेकर उहापोह में हैं। उनके पास अपने चुनाव प्रचार के लिए कम ही दिन हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि इस अवधि में क्षेत्र के तकरीबन सौ गांवों में जाकर जनसंपर्क कैसे किया जा सकता है।