कांग्रेस ने पंचायत चुनाव की आशंकाओं को आयोग के सामने रखा

देहरादून(आरएनएस)। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी आशंकाओं को राज्य निर्वाचन आयुक्त के सम्मुख रहा। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी की बात उठाई। साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर बनी असमंजस की स्थिति को दूर करने की मांग की। साथ ही मतदान और मतगणना प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग रखी। महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को देहरादून में राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की। पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि इस साल जनवरी में निकाय चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उस दौरान वोटर लिस्ट में तमाम गड़बड़ियां सामने आई थी। ऐसी ही स्थिति पंचायत चुनाव में भी सामने आ सकती है। क्योंकि बड़ी संख्या में ग्रामीण वोटरों के नाम पंचायत की मतदाता सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में हुए लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड में 84 लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता थे, जबकि शहरी निकाय और अब पंचायत चुनावों में कुल मतदाता संख्या लगभग 78 लाख के आसपास ही सीमित रह गई है। उन्होंने मतदाताओं की कम संख्या को भी वोटर लिस्ट से नाम गायब होने से जोड़ा है। आयुक्त को ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री गोदावरी थापली, विरेंद्र पोखरियाल, संजय किशोर, महिपाल शाह, नीनू सहगल, प्रवीन त्यागी, मोहित नेगी, अश्वनी बहुगुणा, विनीत डोभाल, सुमित नेगी, शम्मी प्रकाश, अशद खान, अभिषेक उनियाल, राजीव ठाकुर समेत अन्य मौजूद रहे। दोनों सूचियों के नाम पर आपत्ति पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि कई क्षेत्रों में यह भी देखने में आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे मतदाताओं का नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल हैं जो नगर निकाय चुनाव में अपने मतदान का प्रयोग कर चुके हैं। उन्होंने ऐसे मतदाताओं के नाम पंचायत से हटाने की मांग भी रखी। जटिल प्रक्रिया को लेकर उठाए सवाल कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी विरेन्द्र पोखरियाल ने निर्वाचन आयुक्त के सामने नगर निकाय चुनाव का हवाला दिया और कहा कि निकाय चुनाव में कई स्थानों पर पोलिंग एजेंट को कमरे से बाहर बैठाया गया था। साथ ही मतगणना स्थल पर काउंटिंग एजेंट को 24 घंटे लगातार खड़ा रखा गया, जबकि मतगणना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में तैनात किया गया। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में इस व्यवस्था को सुधारा जाना चाहिए।