कांग्रेस उत्तराखंड में नहीं होने देगी वोट चोरी

देहरादून (आरएनएस)। मेरा वोट मेरा अधिकार अभियान के तहत कांग्रेस ने एक बार फिर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य गुरदीप सप्पल ने कहा कि उत्तराखंड में अब भविष्य में वोट चोरी नहीं होने दी जाएगी और 2027 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।

गुरदीप सप्पल ने आरोप लगाया कि केदारनाथ उपचुनाव और पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में हेरफेर की। इस संबंध में कांग्रेस ने करीब चार हजार आरटीआई दायर की थीं, लेकिन उनमें से केवल 136 का ही अधूरा और गोलमोल जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक की तरह उत्तराखंड में भी वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने और फर्जी नाम जोड़े जाने की शिकायतें मिली हैं। इन गंभीर बिंदुओं की जांच कराने के बजाय चुनाव आयोग लीपापोती कर रहा है और सरकार का मुखौटा बनकर काम कर रहा है।

सप्पल ने बताया कि उत्तराखंड में गड़बड़ियों की जांच के लिए कांग्रेस ने प्रेम बहुखंडी, पंकज क्षेत्री और अभिनव थापर की तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। इस समिति ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पार्टी को सौंपी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वोटरों के नाम काटे जाते हैं तो इसकी सूचना स्पीड पोस्ट या बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा क्यों नहीं दी जाती। साथ ही, हर बार फाइनल वोटर लिस्ट के बाद सप्लीमेंट्री लिस्ट जारी करने का औचित्य भी स्पष्ट नहीं किया जाता।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तमाम गड़बड़ियों को सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पेश करेगी। यह बताया जाएगा कि असली वोटरों के नाम काटकर फर्जी वोटरों को जोड़ा गया है। ऐसा करने वाले अफसरों के खिलाफ अभियान भी चलाया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति न बन सके।

कार्यक्रम में उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रेम बहुखंडी, पंकज क्षेत्री, अभिनव थापर, अमरजीत सिंह, शीशपाल बिष्ट और प्रतिमा सिंह भी मौजूद रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद हुए निकाय और पंचायत चुनाव में वोटर लिस्ट में बड़ा अंतर देखा गया। कई जगह पर वोटरों के नाम काटे गए और फर्जी नाम जोड़े गए। यहां तक कि जिन लोगों ने निकाय चुनाव में मतदान किया, उनके नाम पंचायत की वोटर लिस्ट में भी शामिल कर दिए गए। माहरा ने दावा किया कि केदारनाथ उपचुनाव में इसी तरह की गड़बड़ियों के चलते भाजपा जीत हासिल कर सकी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन गड़बड़ियों की जांच कर खुलासा किया जाएगा।

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