चुनाव ने खोली बेरोजगारों की किस्मत, सोशल मीडिया में प्रचार; दिला रहा युवाओं को रोजगार

 देहरादून। एक दौर था जब चुनावों के दौरान दूर-दराज गांवों में जीप या कार आती थी तो उसे देखने के लिए भीड़ जुटती थी। इन वाहनों में और कोई नहीं बल्कि वोट मांगने वाले आते थे। प्रत्याशी के पीछे समर्पित कार्यकर्ताओं का जोश होता था। लेकिन अब जमाना बदल गया है। समर्पित कार्यकर्ता मिलने मुश्किल  हो रहे हैं, ऐसे में सोशल मीडिया में प्रचार के लिए युवाओं को काम पर रखा जा रहा है। समर्थ उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए 15 से 20 हजार रुपये तनख्वाह में आईटी एक्सपर्ट रखे हुए हैं। जबकि दिनभर प्रचार करने के बदले 500 से 1000 रुपये का चार्ज भी फिक्स हैं।

फेसबुक प्रचार में एक दिन का खर्च 10 हजार
कई उम्मीदवारों के लिए कैंपेन कर रहे अमित ने बताया कि इस बार चुनाव प्रचार पर कई तरह की पाबंदियों के चलते सारा दारोमदार सोशल मीडिया पर आ गया है। ऐसे में एक दिन के प्रचार की कीमत भी बढ़ गई है। जहां पहले फेसबुक में 5 से 7 हजार रुपये में दिनभर प्रचार हो जाता है अब ये काम 10 हजार रुपये में हो रहा है। बताया कि फेसबुक, यूट्यूब और गूगल के लिए वीडियो या क्रिएटिव्स बनाने वालों ने भी अपनी फीस बढ़ा दी है।

एक दुकान में जाओ, पूरे गांव का प्रचार समझो
पहले की तरह अब हर घर तक जाना शायद ही किसी उम्मीदवार या उसके समर्थकों को पसंद हो। ऐसे में इसका भी अनोखा रास्ता इजाद कर लिया गया है। किसी बड़े गांव या मोहल्ले की एक-दो दुकानों में प्रचार की फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया में लगातार पोस्ट कर दिया जाता है। तस्वीरें तो एक जगह की ही होती है लेकिन आईटी प्रोफेशनल इसे ऐसे दिखाते हैं कि ये प्रचार एक बड़े क्षेत्र में किया हो।