छत्रधारी चालदा महाराज 40 साल बाद पहुंचे खत पशगांव दसऊ

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विकासनगर। समाल्टा से शनिवार को शुरू हुई छत्रधारी चालदा महाराज की प्रवास यात्रा दो रात्रि विश्राम के बाद सोमवार देर रात को अपने गंतव्य स्थल खत पशगांव दसऊ पहुंची। 40 साल बाद देर रात देवता के गांव में पहुंचने पर खत पशगांव में उत्साह और उल्लास का माहौल छा गया। रविवार से लगातार हो रही बारिश भी महाराज के साथ चल रहे श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा पाई। बारिश में महाराज के जयकारों ने श्रद्धालुओं को गर्म किए रखा। सोमवार सुबह 11 बजे नराया गांव से दसऊ के लिए यात्रा शुरू हुई। दोपहर बाद दो बजे पहले पड़ाव फेडुलानी पहुंची, जहां महाराज की धाम आयोजित की गई। इसके बाद मलेथा गांव में चकराता वासियों की ओर जलपान और प्रसाद वितरित किया गया। यात्रा के दूसरे पड़ाव हाजा गांव में भी महाराज की धाम का आयोजन किया गया। यात्रा के दौरान चल रहे श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखाई दी। बारिश के बीच छाते, बरसाती ओढे श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। देर रात देव पालकी दसऊ पहुंची। गांव की सीमा से बाहर बने स्वागत द्वार पर खत पशगांव के हजारों महिला, पुरुष देवता की आगवानी के लिए खड़े थे। गांव की सीमा में देव पालकी के प्रवेश करते ही पूरे पशगांव में आतिशबाजी की गई। देर रात देव पालकी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इसके बाद बाद विधि विधान से पूजा अर्चना कर देव पालकी को गर्भ गृह में विराजमान किया गया। यहां महाराज का प्रवास दो साल तक रहेगा। दसऊ के स्याणा शूरवीर सिंह चौहान, प्रधान मालती देवी, किरन आदि ने बताया कि सुबह से हो रही बारिश से तैयारियों में कुछ व्यवधान पड़ा। लेकिन ग्रामीणों में महाराज के आने का जोश इतना था कि बारिश से भी घबराए। देव पालकी के साथ मंदिर समिति सचिव मातवर सिंह तोमर, नारायण सिंह चौहान, रणवीर शर्मा, अमर शर्मा, पदम चौहान, युद्धवीर चौहान, अनिल चौहान, जगत सिंह, रघुवीर तोमर आदि शामिल रहे।
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