बगैर पहचान पत्र के नगर में फेरी लगाने वालों की आई बाढ़

व्यापारियों ने पुलिस से सत्यापन अभियान तेज करने की मांग

बागेश्वर। बागेश्वर में गर्मी बढ़ते ही मैदानी क्षेत्र से लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। यहां उन्हें बदन जलाने वाली गर्मी से राहत मिलती है। इन दिनों जिले में फेरी लगाने वालों की बाढ़ आ गई है। ये कहां से आए हैं और कहां रह रहे हैं। इसकी सही जानकारी पुलिस को भी नहीं रहती है। इनमें से अधिकतर लोगों के पास फेरी लगाने का लाइसेंस भी नहीं है। व्यापारियों ने पुलिस से सत्यापन अभियान तेज करने की मांग की है। जिला मुख्यालय में नगर क्षेत्र में कबाड़ खरीदने, फेरी लगाने वाले तथा साधु के रूप में कई लोग नजर आ रहे हैं। अप्रैल लगने के बाद इनमें एकाएक बढ़ोत्तरी होने लगी है। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सत्यापन और पालिका व जिपं में पंजीकरण किए बगैर घूमने से लोगों में अनहोनी की आशंका बनी हुई है। पूर्व में बाहरी तत्वों द्वारा चोरी और महिलाओं के सोना चांदी की सफाई के नाम पर ठगी के मामले आने से लोग आशंकित रहते हैं। व्यापारियों ने नगर क्षेत्र में फड़, कबाड़ का काम करने वाले बाहरी लोगों को पालिका के द्वारा जारी पहचानपत्र के बाद ही नगर में घूमने की अनुमति प्रदान करने की मांग की। व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष हरीश सोनी, अनिल कार्की, बबलू जोशी, सूरज जोशी, कैलाश गड़िया, गोपाल नेगीआदि ने पुलिस अधीक्षक से बिना सत्यापन और पंजीकरण के फेरी लगाने वाले लोगों पर नकेल कसने की मांग की है। इधर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस को सत्यापन कराने के निर्देश पहले से हैं। यदि कोई बगैर सत्यापन के जिले में रहते पकड़ा गया तो कार्रवाई होगी।

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