भगवान मद्महेश्वर की डोली ऊखीमठ से रवाना

रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की डोली शनिवार को धाम के लिए रवाना हो गई। पूर्व परम्परा एवं रीति रिवाजों के साथ पहले दिन डोली राकेश्वरी मन्दिर में पहुंची। सोमवार को विधिवत पूजा अर्चना व परम्परा के साथ छह माह के लिए मन्दिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस बार भी कोरोना के चलते डोली को गाड़ी से रांसी ले जाया गया। शनिवार प्रात: मुख्य पुजारी शिव लिंग द्वारा सभामण्डप में भगवान का श्रृंगार करके भोग मूर्ति को उत्सव डोली में विराजमान किया गया। जिसके बाद गोंडार के हकहकुधारियों द्वारा चल विग्रह उत्सव डोली को लाल व पीले वस्त्रों व फूल मालाओं से सजाया गया। गद्दी स्थल में रावल भीमाशंकर लिंग ने पुजारी शिव लिंग को आंग्ल वस्त्र व पगड़ी पहनाकर छह माह तक धाम में निर्विघ्ननता पूर्वक पूजा सम्पन्न करने का संकल्प दिया। जिसके बाद रावल व पुजारियों द्वारा चल विग्रह डोली की आरती की गई। इसके बाद भगवान के निशानों के साथ चल विग्रह उत्सव डोली को सभामण्डप से बाहर लाया गया। ओंकारेश्वर मन्दिर की तीन परिक्रमा व पुजारी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान की आरती करने के बाद डोली रावल की अगुवाई में मद्महेश्वर धाम के लिए प्रस्थान किया। डोली को ओंकारेश्वर मंदिर, डंगवाड़ी, ब्राह्मणखोली होते हुए मंगोलीचारी तक पैदल ले जाया गया। मंगोलीचारी में रावल भीमाशंकर लिंग व पुजारियों द्वारा भगवान की कपूर आरती की गयी जिसके बाद डोली धाम के लिए रवाना हुई। वहीं कोरोना महामारी के चलते डोली को वाहन से पहले पड़ाव रांसी तक ले जाया गया। इससे पूर्व पिछले वर्ष भी डोली को वाहन से ले जाया गया था। इस बार प्रशासन द्वारा पूजा एवं डोली यात्रा से जुड़े 20 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गयी है। वहीं आज भगवान की डोली दूसरे पड़ाव गोण्डार के लिए प्रस्थान करेगी। कल सोमवार को प्रात: साढ़े ग्यारह बजे सिंह लग्न में मध्यमहेश्वर मन्दिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर रावल भीमाशंकर लिंग, एसडीएम जतिन वर्मा, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, जेआर बधाणी, एसओ मुकेश थलेड़ी, प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, डोली प्रभारी युद्धवीर पुष्पवान, पुजारी शिवशंकर लिंग, गंगाधर लिंग, शिव सिंह रावत, वीर सिंह, मदन पंवार आदि मौजूद थे।