बीमार घोड़े-खच्चरों के लिए दो क्वारंटीन सेंटर चेतक-1 एवं चेतक-2 बनाए

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)।  केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इंफ्लूएंजा संक्रमण से घोड़े-खच्चर लगातार बीमार हो रहे हैं। पशुपालन विभाग ने पशुओं की मृत्यु रोकने और उन्हें बेहतर उपचार के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं जिसमें घोड़ा-खच्चर संचालकों से अपने पशुओं का यहां रखने का निरंतर आग्रह किया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से यात्रा में शामिल घोड़े-खच्चरों पर इक्वाइन इंफ्लुएंजा के लक्षण दिखाई दिए। जिसमें कई घोड़ों की मौत हुई है जिसको देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही करते हुए घोड़-खच्चरों के संचालन पर रोक लगा दी है। जो अब भी जारी है। जबकि 18 चिकित्सकों की टीम के साथ साथ पंतनगर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार के विशेषज्ञ चिकित्सक लगातार सैंपलिंग एवं परीक्षण कर रहे हैं। प्रशासन ने घोड़े-खच्चरों के त्वरित इलाज के लिए दो क्वारंटाइन सेंटर, चेतक-1 एवं चेतक-2 बनाए हैं। जबकि घोड़े खच्चर मालिकों से अपील की है कि वे अपने बीमार घोड़े-खच्चरों को इन सेंटरों में रखें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटरों में बीमार घोड़े-खच्चरों ठीक होने तक खाने के चारे से लेकर सभी तरह की देखभाल पशुपालन विभाग द्वारा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन पशुपालकों के घोड़े-खच्चर बीमार हैं, वे इक्वाइन इंफ्लुएंजा बीमारी का प्रमाणपत्र पशुपालन विभाग को दिखाकर 50 प्रतिशत सब्सिडी पर पर चारा क्रय कर सकते हैं। उन्होंने सभी घोड़ा-खच्चर मालिकों से धैर्य बनाने का आग्रह किया है। इधर, घोड़े-खच्चरों में फैले संक्रमण के बीच स्थानीय निवासियों एवं पशुपालकों ने भी घोड़े-खच्चरों की व्यापक स्तर पर जांच एवं इलाज की मांग की है। प्रधान संगठन उखीमठ के अध्यक्ष सुभाष रावत ने जिला प्रशासन को पत्र प्रेक्षित कर कहा कि यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के आवागमन पर रोक 3-4 दिन और जारी रहनी चाहिए जिससे सभी घोड़े-खच्चरों की जांच कर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके। सुभाष रावत, अवतार नेगी, संदीप पुष्पवाण एवं सुरेंद्र रावत ने त्वरित कार्यवाही के लिए पशुपालन विभाग का आभार जताया।

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