बच्चों में रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता बढ़ाने की जरूरत: मुख्‍यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून के सुभाष रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग द्वारा पोक्सो अधिनियम पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पोक्सो ऐक्ट पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया और पोक्सो वोरियर्स को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज बच्चों में रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता बढ़ाने की जरूरत है।  बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में उनके माता, पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नोनिहालों से जुड़ी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन नियमित होने चाहिए। जिन बच्चों  को अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश नहीं मिलती, उनके लिए समाज को आगे आना चाहिए। सरकार सबके जीवन स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को भयमुक्त वातावरण मिलेगा तो उनका भविष्य सकारात्मक दिशा में जाएगा। राज्य सरकार द्वारा बाल कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। बच्चों के अधिकारों के लिए जो कानून बने हैं, उनका सख़्ती से पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से जहां जागरूकता बढ़ेगी वहीं विशेषज्ञों के मंथन से हमारे भविष्य हमारे बच्चों को रचनात्मक बनाने में कारगर सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सेना और बच्चों से जुड़े कार्यक्रम में अवश्य प्रतिभाग करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के ध्येय वाक्य से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाएँ। बाल अधिकारों की आम जन तक जागरूकता के लिए इस संबंध में  समय-समय पर विधिक शिविर भी आयोजित किए जाएँ। कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश के नौनिहालों के साथ सरकार हर तरीके से खड़ी है कोरोना काल में अपने परिजनों को गवा चुके बच्चों को वात्सल्य योजना के ज़रिए सरकार सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वात्सल्य योजना देश में सबसे लोकप्रिय योजनाओं  में से एक है। डीजीपी अशोक कुमार ने पोक्सो एक्ट संबंधित विस्तृत जानकारी दी। बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन, विधि विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।