अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी, 2 गिरफ्तार
विकासनगर। सेलाकुई क्षेत्र में आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम ने देहरादून व मंडलीय प्रवर्तन की संयुक्त टीम ने शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। फैक्ट्री में मिलावटी नकली देशी शराब बनाये जाने का कारोबार करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। शराब बनाने की इस फैक्ट्री में टीम ने बनायी गई शराब से भरी एक बाल्टी व सैकड़ों पव्वे शराब के बरामद किये। मौके पर शराब बनाने व भरने के ऊपकरण बरामद किये। टीम ने मौके से एक कार भी बरामद की है। रविवार आधी रात में आबकारी प्रवर्तन विभाग देहरादून व मंडलीय प्रवर्तन टीम ने मुखबिर की सूचना पर बायांखाला स्थित शराब बनाने की एक अवैध फैक्ट्री में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम ने नकली मिलावटी देशी शराब से भरे 441 पव्वे देशी शराब के पकड़े। साथ में बारह लीटर शराब से भरी एक बाल्टी भी बरामद की। टीम ने मौके पर शराब बनाने उन्हें बोतलों में पैक करने वाले दो आरोपियों प्रमोद पुत्र गिरम सिंह निवासी मंगला चुन्नी जिला एटा यूपी व विक्रम सिंह पुत्र बृजराज सिंह निवासी भवकरिया जिला एटा यूपी को गिरफ्तार किया है। संयुक्त टीम ने मौके से बनाई गयी शराब को बोतलों में भराई कराने वाले उपकरण, शराब बनाने के उपकरण, खाली पव्वे एवं बोतलों के ढक्कन, शराब बनाने में प्रयोग किये जाने वाला कैमिकल आदि बरामद किये। टीम ने मौके पर हिमाचल प्रदेश नंबर की एक सेंट्रो कार भी बरामद की। सहायक आबकारी आयुक्त मनोज उपाध्याय ने बताया कि शराब जहरीली एवं खतरनाक भी हो सकती है। शराब बनाने में प्रयुक्त कैमिकल आदि खतरनाक हो सकता है। बताया कि शराब जहरीली होने की स्थिति में क्षेत्र में कई लोगों की जान जा सकती थी। कहा कि इस तरह शराब जिन फैक्ट्रियों में बनाई जा सकती है वह लोगों की जान भी लील सकती है। बताया कि बनाई गयी शराब व उसके साथ जो कैमिकल बरामद किया गया है उसे विधि प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जा रहा है। जिससे पता चल सके कि कहीं यह शराब जहरीली तो नहीं। विधि प्रयोगशाला की रिपोर्ट से ही शराब के जहरीला होने न होने का पता चल सकेगा। सहायक आयुक्त ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट में अलग अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। प्रवर्तन विभाग की टीम में एसआई सीपी भट्ट, पानसिंह राणा, प्रधान कांस्टेबल प्रताप सिंह कारगी, कांस्टेबल शशिकांत गुसांई, लवशर्मा, नीलम व दीपक दुबे आदि शामिल रहे।
आबकारी विभाग की सर्किल टीम पर उठे सवाल
नकली, मिलावटी देशी शराब को समय रहते यदि प्रवर्तन विभाग की टीम न पकड़ती तो इससे क्षेत्र में बड़ा हादसा भी हो सकता था। क्षेत्र में बनने वाली इस शराब के जहरीला होने की प्रवर्तन विभाग ने आशंका व्यक्त की है। जिसमें कई लोगों की जान भी जा सकती थी। जिसकी विधि प्रयोगशाला से जांच करवाई जायेगी। आबकारी विभाग ने पूर्व में पत्थरी व पीर में बनाई गयी इस तरह की नकली देशी शराब से कई लोगों की जान जाने के बाद भी सीख नहीं ली है। जिससे आबकारी विभाग की सर्किल टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे होते हैं कि बायांखाला सेलाकुई में खुलेआम चल रही इस फैक्ट्री तक वह आखिर क्यों नहीं पहुंच पायी।