अतिथि शिक्षकों का बिना मांग पूरी हुए आंदोलन वापस नहीं करने का ऐलान

देहरादून(आरएनएस)।  शिक्षकों के रिक्त पदों को आरक्षित करने और नियमितीकरण की ठोस नीति के लिए अतिथि शिक्षकों ने शनिवार को भी शिक्षा निदेशालय पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने एकस्वर में दोहराया कि जब तक सरकार मांगों पर विधिवत आदेश नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अतिथि शिक्षकों ने दूसरे के दिन के धरने की शुरूआत विद्या की देवी सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर और सरस्वती वंदना के साथ की। सरकार और विभाग पर वायदा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए अतिथि शिक्षकों ने कहा कि इस बार आरपार की लड़ाई है। कार्रवाई हुए बिना कोई अतिथि शिक्षक अपनी ड्यूटी पर नहीं जाएगा।  प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट, कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि इस बार का आंदोलन अतिथि शिक्षकों के आत्मसम्मान का आंदोलन है। वर्ष 2022 में आंदोलन के दौरान भी सरकार ने कई वादये किए थे, लेकिन वे भी हवाई साबित हुए। प्रदेश महामंत्री दौलत जगूड़ी और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र गौड़ ने कहा कि सभी अतिथि शिक्षकों से अपील की कि वे तत्काल आंदोलन में शामिल हों। जब तक सभी लोग एकजुट होकर आगे नहीं आएंगे तब तक समस्याओं का हल होने वाला नहीं है। आज धरने में अजय भारद्वाज,राजेश धामी,राकेश लाल,गिरीश बिष्ट,प्रवीण भट्ट,इतेंद्र नैथानी,संजय नौटियाल, प्रियंका वर्मा,डॉ बबिता पन्त, वंदना वर्मा,एकता,विनीता पांडेय,बरखा आर्या,सुशीला देवी,सरिता बंगारी,बीना बंगारी,प्रीति बंधानी,गीता,शोभा नौटियाल, शोभा,मोनिका नेगी आदि शामिल रहे। आज सहायक विकास अधिकारी-पंचायत संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष्ज्ञ गुणानंद जुयाल ने भी आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की।