असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब 2023 तक पीएचडी अनिवार्य नहीं
हरिद्वार। देश और प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ऐसा सिर्फ एक जुलाई 2021 से एक जुलाई 2023 तक के लिए ही किया है। इस संबंध में यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से समस्त विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर यूजीसी ने एक जुलाई 2021 से एक जुलाई 2023 तक होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की अनिवार्यता पर रोक लगा दी है। यूजीसी ने इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को 12 अक्तूबर को नोटिस भी जारी कर दिया था। अभ्यर्थियों को यह राहत इसलिए भी दी गई है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में खाली पड़े असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर जल्द भर्ती की जा सके।