अब समंदर में छटपटाएगा चीन, अमेरिका ने खतरनाक यूएसएस निमित्ज को इंडो पेसिफिक क्षेत्र में किया तैनात

न्यूयॉर्क। चीन की बढ़ती दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अमेरिका ने अपने विशाल युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को सेना की केंद्रीय कमान से हटाकर इंडो-पैसिफिक कमांड में तैनात किया है। पेंटागन ने घोषणा की है कि यूएसएस निमित्ज को दक्षिण चीन सागर में उतार दिया गया है, जहां पर वह दुनिया के सबसे व्यस्त अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र पर नजर रखेगा। दरअसल, इससे पहले ईरान के साथ तनाव को देखते हुए यूएसएस निमित्ज को मिडिल ईस्ट में तैनान किया गया था। मगर ईरान के साथ कम होते संभावित तनाव को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूएसएस निमित्ज को दक्षिण चीन सागर में तैनात करने का फैसला लिया है। पेंटागन का यह निर्णय इस ओर भी संकेत देता है कि जो सख्ती के मामले में बाइडेन प्रशासन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नक्शेकदम पर है। यानी बाइडेन ने अपने इस फैसले से साफ कर दिया है कि वह ईरान के प्रति नरम और चीन के प्रति सख्ती कामय रखेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अभी तक अपने चीनी समकक्ष से बात नहीं की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि चीन के साथ उलझने से पहले अमेरिका पहले अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संबंध पर जोर दे रहा है। नई दिल्ली में चीन पर नजर रखने वालों ने कहा कि बाइडेन प्रशासन के फैसले से संकेत मिलता है कि अमेरिका एशिया प्रशांत क्षेत्र में 36 देशों का साथ देने लिए दक्षिण चीन सागर के आसपास अपनी उपस्थिति बढ़ा सकता है, जिनमें से कई देशों के बीजिंग के साथ सीमा विवाद हैं।
बाइडेन प्रशासन ने पहले ही ताइपे (ताइवान की राजधानी) के लिए अपनी ठोस प्रतिबद्धता की पुष्टि कर दी है। बाइडेन के इस कदम से संकेत मिलता है कि बाइडेन प्रशासन ताइवान को लेकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीति के साथ आगे बढ़ेगा। बता दें कि ताइवन को लेकर बीते कुछ समय से चीन और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। चीन ताइवान को वन चाइना का हिस्सा मानता है। बता दें कि एक अन्य जंगी विमान यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट पिछले महीने दक्षिण चीन सागर पहुंचा था। इनमें यूएसएस बंकर हिल, यूएसएस रसेल और यूएसएस जॉन फिन युद्धपोत शामिल थे। इसके बाद चीन बिफर गया था। अमेरिकी सेना के मुताबिक समुद्र सबका को लेकर ये कदम उठाया गया है।

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