अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में आईसीएफएमटी मिडकॉन-2025 का आयोजन

विधिक चिकित्सा के विविध पहलुओं पर हुआ मंथन
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के विधिक चिकित्सा एवं विषविज्ञान विभाग द्वारा 8 जून 2025 को राष्ट्रीय स्तर की अकादमिक संगोष्ठी आईसीएफएमटी मिडकॉन-2025 का भव्य आयोजन संस्थान परिसर में किया गया। सम्मेलन में देशभर के प्रतिष्ठित चिकित्सा महाविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने भाग लिया तथा विधिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े समसामयिक एवं ज्वलंत विषयों पर विचार साझा किए। समारोह का उद्घाटन जिलाधिकारी अल्मोड़ा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संस्थान के प्राचार्य एवं डीन डॉ. सी.पी. भैसोड़ा और वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों ने विधिक चिकित्सा की न्यायिक, सामाजिक और नैतिक भूमिका पर प्रकाश डाला। सम्मेलन का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. एस. वलियप्पन ने किया, जबकि आयोजन सचिव की भूमिका में डॉ. प्रीत इंदर सिंह और संयुक्त सचिव के रूप में डॉ. एल्विन अब्राहम वर्गीज सक्रिय रहे। सम्मेलन में प्रस्तुत शोध-पत्रों और व्याख्यानों ने विधिक चिकित्सा की आधुनिक दिशा व दशा को स्पष्ट किया। मृत्यु के समय का अनुमान, यौन उत्पीड़न से जुड़े न्यायिक प्रावधान, बाल यौन शोषण और पोक्सो अधिनियम, विधिक रिपोर्टिंग का डिजिटलीकरण, भारतीय परिप्रेक्ष्य में आभासी शव परीक्षण, कोविड-19 के बाद ‘एक स्वास्थ्य’ की पुनर्परिभाषा, त्रि-आयामी मुद्रण एवं आभासी वास्तविकता का फॉरेंसिक प्रयोग, अचानक हृदयगति रुकना और रोगविकृति विज्ञान की भूमिका, जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। मुख्य वक्ताओं में डॉ. योगेन्द्र सिंह बंसल (चंडीगढ़), डॉ. मुकेश यादव (उत्तर प्रदेश), डॉ. सतीश कुमार वर्मा (फरीदाबाद), डॉ. दासारी हरीश (चंडीगढ़), डॉ. सी.बी. जानी (अहमदाबाद), डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव (लखनऊ), डॉ. अमनदीप सिंह, डॉ. हरविंदर सिंह छाबड़ा (देहरादून), डॉ. यशपाल सिंह नेगी (मुक्तेश्वर), डॉ. अर्जित दत्ता (गुजरात), डॉ. अंकित कौशिक (अल्मोड़ा) सहित देशभर से आए विशेषज्ञ शामिल थे। विभिन्न सत्रों में डॉ. वीणा तिवारी, डॉ. उषा रावत, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. ईश्वर त्यागी और राहुल जैन ने विधिक रिपोर्ट लेखन, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम, वैश्विक मृत्यु जांच प्रणाली और डिजिटल फॉरेंसिक चिकित्सा पर महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं। सम्मेलन में डॉ. ए. के. सिंह, डॉ. जे. जे. गोगोई, डॉ. उर्मिला पलारिया, डॉ. एस. दासगुप्ता, डॉ. डी. सी. पुनैरा, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ. हेमंत कुमार दत्त, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. अनिल पांडेय, डॉ. मनीष भट्ट, डॉ. राहुल दुबे, डॉ. आर्यन, डॉ. मोहित पंत, डॉ. अनुष्का गुप्ता, डॉ. ध्यन सिंह बंगारी, डॉ. अनुषा राणा, डॉ. शुभम विग सहित अनेक चिकित्सक और शोधार्थी उपस्थित रहे। संगोष्ठी के दौरान पोस्टर, केस रिपोर्ट और शोध पत्र सत्रों में छात्रों और युवा चिकित्सकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने सम्मेलन को अत्यंत ज्ञानवर्धक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से उपयोगी बताया।