इलाहाबाद हाईकोर्ट से पतंजलि को बड़ा झटका, ₹273.5 करोड़ की जीएसटी पेनाल्टी पर रोक से इनकार

हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने ₹273.5 करोड़ की जीएसटी पेनाल्टी के खिलाफ दायर कंपनी की याचिका को सोमवार, 2 जून 2025 को खारिज कर दिया।

पतंजलि ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि इस तरह की पेनाल्टी केवल आपराधिक मुकदमे के बाद ही लगाई जा सकती है, लेकिन हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया।

जस्टिस शेखर बी. सर्राफ और जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ ने स्पष्ट किया कि जीएसटी अधिनियम की धारा 122 के तहत टैक्स अधिकारियों को पेनाल्टी लगाने का अधिकार है और इसके लिए आपराधिक ट्रायल की जरूरत नहीं होती। अदालत ने कहा कि जीएसटी के तहत लगाई गई पेनाल्टी सिविल प्रकृति की कार्रवाई है, जिसमें मुकदमे की आवश्यकता नहीं होती और अधिकारी स्वतंत्र रूप से अपनी कार्यवाही कर सकते हैं।

यह मामला पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की हरिद्वार (उत्तराखंड), सोनीपत (हरियाणा) और अहमदनगर (महाराष्ट्र) स्थित तीन इकाइयों से जुड़ा है। जांच में इन इकाइयों में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के संदिग्ध उपयोग की बात सामने आई थी। रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि ने ITC का उपयोग तो किया, लेकिन उसके समर्थन में कोई वैध आयकर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGSTI) ने 19 अप्रैल 2014 को पतंजलि को ₹273.5 करोड़ की पेनाल्टी का कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस बाद में 10 जनवरी 2025 को वापस ले लिया गया, लेकिन इसके बाद दोबारा जांच में यह पाया गया कि आपूर्तिकर्ताओं से खरीदी गई वस्तुओं की तुलना में बेची गई मात्रा अधिक थी।

इसके अतिरिक्त, जिन वस्तुओं पर ITC प्राप्त किया गया था, उन्हें याचिकाकर्ता ने आगे स्थानांतरित भी कर दिया। इन तथ्यों के आधार पर, जीएसटी अधिकारियों ने धारा 122 के तहत कार्रवाई जारी रखने का निर्णय लिया, जिसे पतंजलि ने कोर्ट में चुनौती दी थी।

अब, कोर्ट के फैसले के बाद पतंजलि आयुर्वेद को ₹273.5 करोड़ की पेनाल्टी का भुगतान करना पड़ सकता है।

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