Site icon RNS INDIA NEWS

अब तमाम केंद्रीय मंत्रालयों में होगा इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का इस्तेमाल?

नई दिल्ली (आरएनएस)। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह अपने मंत्रालय की सभी गाडिय़ों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने जा रहे हैं। उन्होंने अन्य विभागों से भी इसका अनुसरण करने को कहा ताकि तेल के आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लायी जा सके।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को परिवारों को रसोई गैस के लिये सब्सिडी देने के बजाए बिजली से चलने वाले खाना पकाने के उपकरण खरीदने को लेकर सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल्ली में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल से हर महीने 30 करोड़ रुपए की बचत होगी। गो इलेक्ट्रिक अभियान शुरू किए जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, आखिर हम बिजली से खाना पकाने वाले उपकरणों के लिए सब्सिडी क्यों नहीं देते? हम रसोई गैस पर सब्सिडी पहले से दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली से खाना पकाने की प्रणाली साफ-सुथरी है और इससे गैस के लिये आयात पर निर्भरता भी कम होगी। गडकरी ने सुझाव दिया कि सभी सरकारी अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्य किए जाने चाहिए। उन्होंने बिजली मंत्री आरके सिंह से अपने विभाग में अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अनिवार्य करने का आग्रह किया। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह अपने विभागों के लिए यह कदम उठाएंगे।
इस मौके पर बिजली मंत्री आरके सिंह ने घोषणा की कि दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयुपर के बीच फ्यूल सेल बस सेवा शुरू की जाएगी। बजट में घोषित हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के बारे में मंत्री ने कहा, हम हरित हाइड्रोजन के लिए बोली चार से पाचं महीने में आमंत्रित करने जा रहे हैं। हम पहले ही पेट्रोलियम, इस्पात और उर्वरक मंत्रालय के साथ इस बारे में चर्चा कर चुके हैं। उन्होंने आयातित अमोनिया के 10 प्रतिशत को हरित अमोनिया से स्थानापन्न करने की सरकार की योजना के बारे में भी जानकारी दी।


Exit mobile version