आपदा ने बढ़ाई मुसीबत, जान हथेली में लेकर कर रहे हैं ग्रामीण आवाजाही
पिथौरागढ़। सोबला ढ़ाकर सडक़ बंद होने से इस क्षेत्र के लोग चार घंटे के रास्ते को दो दिन में किसी तरह उफनाते नालों व तबाह हो गए रास्तों से तय कर रहे हैं। इन रास्तों के बंद होने से गांव के बुजुर्ग, बीमार व महिलाओं के साथ बच्चों को सर्वाधिक मुश्किल हो गई है। दारमा में सोबला ढ़ाकर सडक़ बंद है। सीपीडब्ल्यूडी की टीम अभी तक इस सडक़ को आपदा के बाद ठीक करने नहीं पहुंची है। जिससे उफनाते नालों व तबाह हो गए रास्तों से किसी तरह खतरे की यात्रा कर लोग आवाजाही करने को मजबूर हुए हैं। सोबला ढाकर सडक़ दर गांव से दुग्तु तक कई जगह बंद हो गई है। चल गांव के युवाओं ने क्षतिग्रस्त ट्रॉली स्वयं ठीक कर लगाकर किसी तरह आवाजाही लायक बनाई। इसके लिए गांव के लोगों ने श्रमदान किया व उफनाती नदी को पार कर कुछ युवा नदी के दूसरी तरफ पहुंचे। उनके साहस के बाद इसे ठीक कर लगाया जा सका।क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से तकनीकी टीम को गांव भेजने की मांग की है।