
देहरादून। प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में घोषित एक हजार रुपये की आर्थिक मदद लेने में करीब 40 फीसद चालकों ने दिलचस्पी नहीं ली। अब सरकार द्वारा एक हजार रुपये की अतिरिक्त मदद की घोषणा के बाद वंचित चालक पछता रहे हैं। वहीं ऑटो, सिटी बस व अन्य एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही पहली किश्त से वंचितों को मौका देने की मांग की है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों ने एकसुर में सरकार के फैसले को ट्रांसपोर्टरों के हित में बताया है। पदाधिकारियों का कहना कि लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के चलते ट्रांसपोर्ट पर बुरा असर पड़ा है। सरकार की दो हजार रुपये की आर्थिक मदद से कुछ राहत जरूर मिलेगी। सरकार ने विषम परिस्थितियों में चालकों के हितों का ध्यान रखा है। यह भी मांग की कि पहली किश्त का लाभ लेने के लिए भी अतिरिक्त समय दिया जाए।
सरकार की ओर से पूर्व में घोषित एक हजार रुपये की आर्थिक मदद चालकों को मिल चुकी है। अब सरकार ने एक हजार रुपये की और मदद देने का फैसला लिया है। इससे चालकों को काफी राहत मिलेगी। -सत्यदेव उनियाल, उत्तराखंड परिवहन महासंघ
चालकों को दो हजार की आर्थिक मदद देना सराहनीय है, लेकिन पिछली एक हजार रुपये की आर्थिक मदद कई ऑटो चालकों को नहीं मिल पाई है। यूनियन का आग्रह है कि वंचित रहे चालकों को शेष व आगामी किश्त का भुगतान किया जाए। कई ऑटो चालकों ने आवेदन भी नहीं किया। अब वे भी आवेदन करना चाहते हैं। उन्हें भी लाभ मिलना चाहिए। -शेखर कपिल, उपाध्यक्ष, दून ऑटो रिक्शा यूनियन
सिटी बस चालक सरकार के फैसले जा स्वागत करते है, लेकिन पहली 1000 रुपये की आर्थिक मदद के लिए करीब 40 फीसद से ज्यादा चालकों ने आवेदन ही नहीं किए। अब यह मदद बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी है। ऐसे में वंचित चालक भी सरकार की मदद का लाभ लेना चाहते हैं। इन्हें भी मौका दिया जाए। सरकार से एक और मांग है कि सार्वजनिक वाहनों का टैक्स माफी का समय तीन महीने से बढ़ाकर दिसंबर तक किया जाए।
-विजय वर्द्धन डंडरियाल, अध्यक्ष, देहरादून महानगर सिटी बस सेवा महासंघ