देहरादून शहर की सड़कों से हटने वाले हैं विक्रम, 370 से ज्यादा संचालकों ने किया मैजिक के लिए आवेदन
देहरादून। मार्च 2023 तक 50 फीसदी विक्रम वाहनों के शहर की सड़कों से बाहर होना तय हो गया है। 370 से ज्यादा संचालकों ने विक्रम के परमिट पर बीएस-6 सवारी गाड़ी (मैजिक) के लिए आवेदन कर दिया है। सवारी गाड़ी पर संचालकों को स्टेज कैरिज परमिट दिए जाएंगे। एक नवंबर को हुई आरटीए की बैठक में डीजल से चलने वाले विक्रम और ऑटो को दो चरणों में सड़क से बाहर करने का फैसला लिया गया। देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में विक्रम और ऑटो संचालक फैसले का विरोध कर रहे हैं। लेकिन देहरादून के अधिकांश विक्रम संचालक फैसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। संचालक डीजल वाले विक्रम के परमिट पर बीएस-6 सवारी गाड़ी लाने के लिए तैयार हो गए हैं। आरटीओ दफ्तर में 370 से ज्यादा विक्रम संचालकों ने बीएस-6 गाड़ी के परमिट के लिए आवेदन कर दिया है। आरटीओ (प्रवर्तन) देहरादून सुनील शर्मा का कहना है कि ऑटो-विक्रम वालों को आरटीए के फैसले का पालन करना होगा। विक्रम वाले 31 जनवरी तक परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं। संचालक इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अभी तक 370 से ज्यादा लोग आवेदन कर चुके हैं। विक्रम जन कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने कहा कि बाजार में सेवन प्लस वन थ्री व्हीलर नहीं है, इसलिए सभी विक्रम संचालक सेवन प्लस वन सीटर सवारी गाड़ी के लिए आवेदन कर रहे हैं। हमारी सरकार से मांग है कि वाहन खरीद में सब्सिडी दी जाए।
31 जनवरी तक है आवेदन की तिथि: आरटीए ने 31 जनवरी तक परमिट के लिए आवेदन की तिथि घोषित की है। इसमें आवेदक डीजल वाले विक्रम के परमिट पर सीएनजी, इलेक्टिक या बीएस-6 सवारी गाड़ी ला सकते हैं। दून शहर में 794 विक्रम पंजीकृत हैं। अभी तक 370 से ज्यादा विक्रम संचालक परमिट के लिए आवेदन कर चुके हैं। ऐसे में 31 जनवरी तक आवेदनों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
सवारी गाड़ी पर मिलेगा स्टेज कैरिज परमिट: अभी तक सभी विक्रम वाहन ठेका परमिट वाले हैं। शर्तों के अनुसार इसमें विक्रम संचालक फुटकर सवारी नहीं बैठा सकते। सिटी बस और विक्रम संचालकों के बीच इसको लेकर कई सालों से विवाद भी चल रहा है। कई बार विक्रम संचालकों पर चालान की कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे में विक्रम संचालक सवारी गाड़ी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। सवारी गाड़ी पर आरटीए विक्रम संचालकों को स्टेज कैरिज परमिट देगा। आरटीए ने इसके लिए 18 नये रूट भी बनाए हैं।
सीएनजी किट भी लगा सकेंगे: विक्रम और ऑटो संचालकों के लिए जरूरी नहीं है कि वह नया विक्रम और ऑटो खरीदें। आरटीए ने सीएनजी किट लगाने का विकल्प भी दिया है। यदि कोई कंपनी वाहनों में सीएनजी किट लगा देती हैं तो ऐसे वाहन सड़क से बाहर नहीं किए जाएंगे।
क्या है आरटीए का फैसला: संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के फैसले के अनुसार दस साल या इससे अधिक पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो-विक्रम को मार्च 2023 तक सड़क से हटाया जाना है। जबकि बाकी बचे ऑटो और विक्रम वाहनों को दिसंबर 2023 तक हटाया जाना है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर एनजीटी की ओर से दिए निर्देश के बाद आरटीए ने यह फैसला लिया है।