एजेंसियों की दक्षता जांचने को एयरपोर्ट पर हुई बम थ्रेट मॉक ड्रिल

ऋषिकेश।  जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बुधवार को बैग में बम होने के एक कॉल से हड़कंप मच गया। हालांकि यह कॉल झूठी थी और एजेंसियों की दक्षता जांचने के लिए बम थ्रेट मॉक ड्रिल के लिए की गई थी। सूचना पर मौके पर पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने टर्मिनल बिल्डिंग सहित एयरपोर्ट की चप्पे-चप्पे की जांच की। बुधवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बम थ्रेट मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया। एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि बम के खतरे की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बनाये गये सुरक्षा, संचार और समन्वय मानकों की जांच और संज्ञान में आई कमियों को दूर करने के उद्येश्य से यह अभ्यास किया गया। एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि मॉक ड्रिल के तहत बम की झूठी सूचना दी गई। बम की सूचना पर सभी एजेंसियां हरकत में आईं। तुरंत बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी की बैठक की गई। इसमें एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए तैनात सीआईएसएफ के अलावा ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी, विमानन निदेशालय और जिला प्रशासन की टीम शामिल हुई। मॉक ड्रिल में पूरे एयरपोर्ट की गहनता से जांच की गई। मॉक ड्रिल के दौरान उपस्थित एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने सभी एजेंसियों से संबंधित सुझाव मांगे। मॉक ड्रिल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एएसजी देहरादून के क्यूआरटी, विस्फोटक रोधी व श्वान दस्ता, एसडीआरएफ जौलीग्रांट, उत्तराखंड पुलिस का विस्फोटकरोधी दस्ता, जौलीग्रांट पुलिस चौकी, राज्य अग्नि शमन के बल सदस्यों के साथ-साथ देहरादून एयरपोर्ट पर कार्यरत विभिन्न एजेंसियों के सुरक्षा प्रभारियों, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एटीसी और अग्निशमन विभाग तथा विभिन्न एयरलाइंस के कर्मचारियों के दल ने प्रतिभाग किया। मौके पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के वीवीएस गौतम आदि उपस्थित रहे।