एसडीएम के आश्वासन पर सभासदों का धरना समाप्त

पिथौरागढ़। नगर पालिका की भूमि और भवनों पर अवैध निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरने पर बैठे सभासदों ने आखिरकार 40 दिन बाद प्रशासन के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया है। इस दौरान एसडीएम ने एक माह के भीतर मांगों की जांच का आश्वासन दिया। वहीं, मौके पर पहुंचे विधायक ने सभासदों को धरने से उठाया। उन्होंने कहा यदि प्रशासन ने तय समय पर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे खुद जनता को साथ लेकर धरने पर बैठेंगे। इधर, सभासदों का आंदोलन खत्म होने से प्रशासन ने राहत महसूस की। शनिवार को 40वें दिन एसडीएम सुंदर सिंह तोमर धरने पर बैठे सभासदों से वार्ता की। इस दौरान सभासदों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए विधायक मयूख महर भी मौजूद रहे। एसडीएम ने सभी को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे नगर पालिका की भूमि और भवनों पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। लंबी चली वार्ता के बाद आखिरकार एसडीएम ने उन्हें एक माह के भीतर जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद सभासदों ने अपना आंदोलन समाप्त कर किया। सभासदों ने कहा मामले की गंभीरता से जांच कर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, विधायक ने कहा प्रशासन ने यदि मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जांच में लीपापोती की तो वे सभासदों और जनता को साथ लेकर धरने पर बैठेंगे। एसडीएम ने उन्हें तय समय पर जांच पूरी करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद सभी वहां से रवाना हुए। सभासदों का आंदोलन खत्म होने से प्रशासन ने फिलहाल राहत की सांस ली है। लेकिन उसके सामने तय समय पर जांच पूरी कर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती है।

ये है मांग
सभासद कमल कुमार पांडे, नीरज कुमार, रविंद्र सिंह विष्ट, किशन सिंह खड़ायत, सरस्वती मखौलिया, भावना नगरकोटी, पवन सिंह माहरा व पूर्व सभासद चंद्रशेखर मखौलिया पालिका के भवनों में अवैध निर्माण के खिलाफ बीते 40 दिन से धरने पर बैठे थे। उनका आरोप है कि देवसिंह मैदान और जंजाली मार्केट के समीप पालिका के भवनों में कुछ लोगों ने अवैध निर्माण किया है। लेकिन पालिका इसको लेकर गंभीर नहीं है और अतिक्रमण करने वालों को बचाने का प्रयास कर रही है।

पालिका ने संबंधित भवनों में ताला लगाने को तय की तिथि, प्रशासन से नहीं मिला सहयोग
सभासदों के भारी विरोध के बाद पालिका ने संबंधित दुकानों में ताला लगाने को तिथि तय की। इसके लिए 30 अगस्त का दिन तय किया गया था। सभासदों का आरोप है कि इसके लिए प्रशासन ने पालिका का सहयोग नहीं किया, जिस कारण संबंधित भवनों में ताले नहीं लग सके। आखिरकार अब प्रशासन ने एक माह के भीतर संबंधित मामले में जांच का आश्वासन दिया है।