भाजपा के 80 विधायक संगठन के राडार पर …

भोपाल (आरएनएस)। प्रदेश भाजपा के करीब 80 विधायक संगठन के राडार पर हैं। संगठन के कामकाज के प्रति इनकी उदासीनता, विभिन्न अभियानों से दूरी और कार्यकर्ताओं से संवाद हीनता के कारण इनसे संगठन के दिग्गज नाराज हैं। इनमें कुछ सांसद भी शामिल हैं। इन सभी सांसदों और विधायकों को दस मार्च तक का अंतिम मौका मिल रहा है। भाजपा ने आज से समर्पण निधि अथ्भयान में विधायकों और सांसदों को जुटाने के लिए कहा है। विधायक छ: मार्च तक अपने अपने क्षेत्र में अभियान चलाएंगे क्योंकि सात मार्च से विधानसभा सत्र है इसी तरह सांसद दस मार्च तक अभियान में शामिल होंगे। 14 मार्च से लोकसभा का बजट सत्र फिर से प्रारंभ होने में किसी प्रकार की आनाकानी नहीं करें। जो विधायक इस अभियान से दूरी बनाएा या टालम टोली करगा उसकी सीआर प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर रराव राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा खुल लिखेंगे। ऐसे में विधायकों और सांसदों के पास अपनी राजनीतिक चरित्रावली सुधारने का अंतिम मौका है। सूत्रों का कहना है कि बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भाजपा के करीब 80 विधायक और कुछ सांसद संगठन की गतिविधियों से खुद को दूर रखे हुए हैं। इन जनप्रतिनिधियों की जनता से भी दूरी है और कार्यकर्ताटों से भी संवाद नहीं है। ऐसे सभी विधायकों पर नजर रखी जा रही है। छ: मार्च को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में विधायकों से रूबरू चर्चा की जाएगी और उन्हें सुधारने की हिदायत दी जाएगी। जो विधायक इसके बावजूद अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाएंगे उनके टिकट खतरे में पड़ सकते हैं। मध्यप्रदेश के मामले में आलाकमान भी कड़ा रवैया अपना रहा है क्योंकि प्रदेश को संगठन की मजबूती की दृष्टि से मॉडल बनाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश चुनाव निपटने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद मध्य प्रदेश भाजपा के मामलों को देखेंगे। स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी प्रभावित रहे हैं। ठाकरे जी के मार्गदर्शन में नरेंद्र मोदी ने संगठन मंत्री का काम किया है। इसलिए माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी भी कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष में आयोजि होने वाले कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यप्रदेश को संगठन की दृष्टि से एक मजबूत किला बनाना चाहता है। इसी वजह से संघ ने अपने दो वरिष्ठ प्रचारक रहे मुरलीधर राव और शिव प्रकाश को मध्यप्रदेश में तैनात किया है। इसके अलावा संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य का मुख्यालय भी भोपाल ही है। जाहिर है कि संघ और भाजपा का नेतृत्व मध्यप्रदेश के संगठन को बेहद मजबूत करना चाहता है। इस कारण से वह लगातार एक के बाद एक अभियान हाथों में ले रहा है। शिव प्रकाश और मुरलीधर राव इसके पहले भी मंत्रियों और विधायकों को चेतावनी दे चुके हैं। माना जा रहा है कि बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमण्डल में फेरबदल कर सकते हैँ। उस समय इन दोनों प्रभारियों की रिपोर्ट मंत्रिमण्डल विस्तार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगी। प्रदेश संगठन ने तय किया था कि मंत्री गण अपने जिलों के दौरे के समय पार्टी संगठन को विश्वास में लें और प्रदेश नियमित रूप से पार्टी कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से संवाद करें। संगठन की ओर से यह भी कहा गया था कि सभी मंत्री अपने प्रवास के दौरान रात्रि विश्राम भी गांव में करें और यथासंभव कार्यकर्ताओं के यहां विशेषकर दलितों आदिवासियों के यहां भोजन करें। इसका भी पालन नहीं हो रहा है। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद लगातार दलितों और आदिवासियों के यहां भोजन करने की परंपरा का पालन किए हुए हैं। मंत्री गण जिला संगठन के पदाधिकारियों से भी संवाद नहीं करते और कार्यकर्ताओं को भी नहीं मिलते हैं इससे ग्रास रूट लेवल पर नाराजगी है। संगठन को लगता है कि मंत्रियों के व्यवहार से एंटी इनकमबेंसी बढ़ती है। इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है।