स्वरोजगार से जगदीश ने किया कारनामा

चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर के निकट स्थित रौली ग्वाड गांव के पूर्व फौजी जगदीश ग्रामीणों के लिए स्वरोजगार की एक मिसाल बन गये हंै। जगदीश ने 17 साल देश की सेवा करने के बाद गांव में स्वरोजगार अपनाने का फैसला किया। उन्होंने गांव में ही कागज का कारखाना खोला। उन्होंने अखिलेश ब्रांड नाम से नोट बुक, रजिस्टर, बिल बुक सहित तमाम स्टेश्नरी का सामान तैयार करना शुरू किया और इसमें महारत हासिल कर ली।
आज वो चमोली जिले में ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों में भी स्टेशनरी की आपूर्ति कर रहे हैं। आत्मनिर्भर होने के बाद उन्होंने ग्रामीणों को भी इसका प्रशिक्षिण देना शुरू किया। उनके यहां 7 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जगदीश का कहना है कि उन्होंने केवल लोकल को ही बढ़ावा दिया है ताकि हमारे गांव के ग्रामीणों को रोजगार के लिए बाहर ना जाना पड़े और वो यहीं पर रहकर अच्छी कमाई कर सकंे। जगदीश के कारखाने में काम करने वाले स्थानीय ग्रामीण खासे खुश हैं।
एक ग्रामीण सुमित किशोर का कहना है कि आज युवा रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं, यदि इस प्रकार के छोटे कारखानो को खोल दिया जाए तो युवाओं को यहां से पलायन नहीं करना पड़ेगा और वो यहीं रहकर अपना रोजगार कर सकेंगे।