राज्य आंदोलनकारी आज भी चिह्नीकरण की राह देख रहे

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान सडक़ों पर संघर्ष करने वाले राज्य आंदोलनकारी आज भी चिह्नीकरण की बाट जोह रहे हैं। बीते छह वर्षों से इनके चिह्नीकरण के संबंध में कोई भी बैठक नहीं हो पाई है। उत्तर प्रदेश के समय अलग उत्तराखंड राज्य के लिए लाखों लोग सडक़ों पर थे। राज्य गठन के बाद सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने का निर्णय लिया। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। चिह्नीकरण के लिए जेल में रहने, अस्पताल में इलाज कराने के रिकार्ड अथवा अखबारों की कटिंग को आधार बनाया गया। आंदोलनकारियों का चिह्निीकरण भी हुआ, मगर बड़ी संख्या में आज भी आंदोलनकारी चिह्नित नहीं हो पाए हैं। स्थिति यह है कि जिलाधिकारी कार्यालयों में आवेदनों की भरमार है। जिला स्तर से कई बार शासन से इस संबंध में दिशा-निर्देश मांगे जा चुके हैं। बावजूद इसके सबने इस पर चुप्पी सी साध ली है।

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