नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स ने मुख्यमंत्री को सौंपा तीन सूत्री मांग पत्र

हरिद्वार। प्रेस क्लब हरिद्वार के नेतृत्व में एकजुट विभिन्न पत्रकार यूनियनों के साथ नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने भी आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के हरिद्वार आगमन पर पत्रकारों की तीन यूत्री मांगों को लेकर उनसे मेला नियंत्रण भवन में भेंट कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लघु, मध्यम एवं मझोले समाचार पत्रों की आगामी वर्षों के लिये पूर्ववत विज्ञापन सूचिबद्धता, वंचित समाचार पत्रों को डेंगू से बचाव संबंधी विज्ञापन की क्षतिपूर्ति और नये समाचार पत्रों की आपत्तियों का त्वरित निस्तारण कर सूचीबद्ध करने की मांग की गयी है।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कोरोना संकट काल में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों की हरसंभव मदद करने की उदार नीति के विरूद्ध जाकर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा 31 मई, 2021 को जारी विज्ञापन सूचीबद्धता सूची में लघु, मध्यम एवं मझोले समाचार पत्रों के साथ बड़ा अन्याय करते हुए उनकी मदद करने के बजाय विज्ञापन सूचीबद्धता सूची से ही बाहर कर दिया गया है। कहा गया कि वर्ष 2021 की कार्यसूची में देहरादून जिले को छोड़कर राज्य के हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंहनगर आदि 12 जिलों के मामलों को विवादित रूप से निस्तारित करते हुए विज्ञापन सूचीबद्धता की सूची जारी की जो पूरी तरह से अव्यवहारिक और भेदभाव पूर्ण है। इसमें जहां देहरादून जिले के नये-पुराने समाचार पत्रों की सूची नहीं है वहीं हरिद्वार के नये समाचार पत्रों की सूची भी जारी नहीं की गयी है। ज्ञापन में कहा गया है कि जिन दैनिक/सांध्य दैनिक तथा साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक तथा त्रैमासिक पत्रिकाओं को इस कोरानाकाल में सूचिबद्धता से बाहर किया गया है इनमें वह समाचार पत्र-पत्रिकाएं भी शामिल हैं जो भारत सरकार के विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय से विज्ञापन मान्यता प्राप्त हैं। जबकि इससे पूर्व किसी की कमी या त्रुटी को इंगित करते हुए न तो संबंधित को कोई नोटिस या पत्र दिया गया और न ही किसी का पक्ष जाना और सुना गया। इस तरह एक सुनियोजित साजिश के अंतर्गत पूरी तरह से विधि विरूद्ध एवं गैर कानूनी रूप से नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत विरूद्ध जाकर एकांकी निर्णय लेते हुए लघु, मध्यम एवं मझोले समाचर पत्रों को नुकसान पहुंचाया गया है।

ज्ञापन देने वालों में प्रेस क्लब हरिद्वार के साथ नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्टस, उत्तराखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, एनयूजे (आई) आदि के राजेन्द्रनाथ गोस्वामी, राजकुमार, संजय आर्य, अमित कुमार गुप्ता, त्रिलोक चन्द्र भट्ट, अमित शर्मा, बालकृष्ण शास्त्री, संजीव शर्मा, जयपाल सिंह आदि शामिल रहे।