पावनी संस्था ने किया धारचूला की महिलाओं को जागरूक

पिथौरागढ़। दिल्ली की पावनी संस्था ने सीमांत क्षेत्र धारचूला पहुंचकर लोगों को महिला अधिकारों के प्रति जागरूक किया। संस्था ने कहा मासिक धर्म के दौरान पर्वतीय क्षेत्र में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार गलत है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को गोठ में रखे जाने की चर्चाएं आम हैं। कहा इसके लिए सभी लोगों को महिला समस्याओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। महिला अधिकारों के लिए कार्य करने वाली दिल्ली की पावनी संस्था के सदस्यों ने सामाजिक कार्यकर्ता नंदा विष्ट के नेतृत्व में ग्वालगांव वार्ड, विवेकानंद इंटर कॉलेज बलुवाकोट,खेत बालिका इंटर कॉलेज,रं म्यूजियम, गर्ब्यांग मिलन केंद्र सहित विभिन्न स्थानों पर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ चली आ रही कुरीतियों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में बढ़ी संख्या में महिलाओं, छात्राओं व स्थानीय लोगों ने भाग लिया। संस्था के नीरज गेरा ने कहा कि भले ही देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे दिए जा रहे हों, लेकिन आज भी आधुनिक समाज में कई क्षेत्रों में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं। कहा आज भी प्रति वर्ष देश में 40 हजार से अधिक महिलाओं की मासिक धर्म के दौरान सही जानकारी और अमानवीय व्यवहार के कारण मौत हो रही है। कहा कि आज भी कई क्षेत्रों में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को गोठ व अन्य स्थानों पर रखा जाता है, जो अमानवीय है। कहा इस कुरीति को दूर करने के लिए हर महिला के साथ समाज के हर व्यक्ति को आगे आने की जरूरत है। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए स्वयं भी आगे आना होगा। नंदा विष्ट ने संस्था के प्रयासों को जमकर सराहा। इस दौरान महिलाओं को सेनेटरी पैड भी बांटे गए। इस दौरान सभासद जानकी देवी, लक्ष्मी गुंज्याल,अरुणा चंद,माया देवी, बिंदु रोंकली,ममता थापा, लक्ष्मण बिष्ट, निहारिका गर्ब्याल,मोहंती देवी,आवती देवी, हरगोविंद बिष्ट, महेश जोशी आदि शामिल रहे।