
ऋषिकेश(आरएनएस। वनभूमि सर्वे को लेकर ऋषिकेश क्षेत्र में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति पर कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर वीवीआईपी को बचाने का आरोप लगाते हुए, हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग एक बार फिर दोहराई है। मंगलवार को रेलवे रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष प्रीतम सिंह और चुनाव प्रबंधन समिति अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान प्रीतम सिंह ने कहा कि वनभूमि के सर्वे में सरकार व प्रशासन को प्रभावित स्थानीय लोगों से वार्ता करनी चाहिए थी। पीढ़ियों से काबिज लोगों में आक्रोश पनपा, जिसके बाद पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के लिए सरकार व पुलिस प्रशासन सीधे कठघरे में है। उन्होंने लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों के घरों में घुसकर उत्पीड़न करने की बात भी कही। बोले, पुलिस का यह ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं होगा। अंकिता हत्याकांड पर कहा कि भाजपा नेताओं पर आरोप जड़ने वाली महिला को कांग्रेस से जोड़ने पर उन्होंने हैरानी जताई। कहा कि सरकार को यह लगता है, तो अतिशीघ्र सीबीआई जांच करानी चाहिए। डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके वनमंत्री रहते भी ऋषिकेश व प्रदेश के अन्य इलाकों में वनभूमि से संबंधित इसी तरह के आदेश हाईकोर्ट से आए थे, लेकिन उन्होंने कोर्ट में अच्छी पैरवी कराई, जिसके बाद वह किसी भी क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने उधमसिंहनगर और कालागढ़ का भी हवाला दिया। कहा कि इस दफा भी सरकार ने हल निकालने की बजाय अंग्रेजों जैसा बर्ताव किया। बोले, कानून का उपयोग जनभावनाओं को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता है। कहा कि वर्ष 2023 उन पर भी आरोप लगे थे, लेकिन उन्होंने खुद की ही सरकार में मंत्री रहते हुए इस्तीफा दिया और जांच होने के बाद वह पाक-साफ निकले। कहा कि यह सरकार का नैतिक उत्तरदायित्व बनता है कि अंकिता हत्याकांड मामले की अतिशीघ्र सीबीआई जांच कराएं। मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष सुखविंदर कौर, ब्लॉक प्रमुख गौरव चौधरी, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, राजपाल खरोला, राकेश मिया, जयेंद्र रमोला, हिमांशु बिजल्वाण, सुधीर राय आदि मौजूद रहे।

