
अल्मोड़ा। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रणेता और लोक संस्कृति के अग्रदूत इन्द्रमणी बडोनी के शताब्दी जन्मदिवस के अवसर पर बुधवार को पं० गोविन्द बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा में लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्कृति विभाग के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में हिमाद्रि नट कला समिति, फलसीमा, अल्मोड़ा के लोक कलाकारों ने पारंपरिक ढोल-दमाऊ वादन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रभारी निदेशक राजकीय संग्रहालय डॉ. चन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर उपस्थित लोगों को इन्द्रमणी बडोनी के जन्म, शिक्षा, राजनीतिक जीवन, लोक संस्कृति के संरक्षण और उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उनके योगदान से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि इन्द्रमणी बडोनी का जन्म 24 दिसंबर 1925 को हुआ था। वे लोक कलाकार थे और पारंपरिक लोक वाद्ययंत्रों के कुशल वादक के रूप में पहचाने जाते थे। अहिंसक विचारधारा और सादगीपूर्ण जीवन शैली के कारण उन्हें उत्तराखंड का गांधी और पर्वतीय गांधी के नाम से जाना जाता है। उनकी स्मृति में उत्तराखंड में उनका जन्मदिवस लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिमाद्रि नट कला समिति, फलसीमा के दलनायक नवीन चन्द्र आर्या ने अपने संबोधन में इन्द्रमणी बडोनी के जीवन और संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके योगदान को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम के समापन पर ढोल-दमाऊ वादन करने वाले लोक कलाकारों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिवराज सिंह बिष्ट, अखिलेश कुमार मौर्या, रवि बिष्ट सहित राजकीय संग्रहालय के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।

