
अल्मोड़ा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में किसान दिवस गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और बड़ी संख्या में किसानों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में कृषि विज्ञान केंद्र मटेला की पशु विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. उमा नौलिया, ग्रीन हिल्स ट्रस्ट की सचिव डॉ. वसुधा पंत और गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु जोशी शामिल रहे। संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त ने अतिथियों और किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि किसान देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ हैं। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विकसित भारत विधेयक 2025 की जानकारी देते हुए ग्रामीण रोजगार और आजीविका से जुड़े प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने किसानों के परिश्रम और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक के समन्वय से कृषि को अधिक टिकाऊ और लाभकारी बनाया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से कृषि क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार के अवसरों को अपनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में स्वच्छ और सतत कृषि परिवेश पर विचार रखे गए। डॉ. उमा नौलिया ने पशुपालन में स्वच्छता और एकीकृत कृषि प्रणाली की उपयोगिता बताई, जबकि डॉ. वसुधा पंत और डॉ. हिमांशु जोशी ने पर्यावरण संरक्षण, कृषि अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु अनुकूल खेती पर जोर दिया। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार ने सतत और जैविक कृषि पद्धतियों की जानकारी दी। किसान दिवस के अवसर पर अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत विभिन्न विकासखंडों के किसानों को कृषि उपकरण नि:शुल्क वितरित किए गए। कार्यक्रम में 177 किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. कुशाग्रा जोशी, संचालन डॉ. कामिनी बिष्ट और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ ने प्रस्तुत किया।



