डीडीए को समाप्त कर शासनादेश जारी करने की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने दिया राज्य सरकार के खिलाफ धरना

अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री के जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की घोषणा के बाद भी अभी तक डीडीए को समाप्त करने का शासनादेश जारी ना होने पर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए बदस्तूर अपना धरना जारी रखा। सभा को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि आज से साढ़े तीन वर्ष पूर्व प्रदेश की भाजपा सरकार ने तुगलकी फरमान से पूरे प्रदेश की जनता की जनभावनाओं के विरूद्ध पूरे उत्तराखंड में जनविरोधी जिला विकास प्राधिकरण लागू कर दिया जिसके कारण पूरे प्रदेश की जनता परेशान है। श्री जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो प्राधिकरण स्थगित करने की घोषणा अल्मोड़ा में की थी, तुरन्त उसका शासनादेश भी जारी किया जाना था। धरने पर पहुंचे पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सबसे पहले तो भाजपा की प्रदेश सरकार ने नवम्बर 2017 में बिना पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किये समूचे उत्तराखंड में मनमाने तरीके से जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण लागू कर दिया।उसके बाद से ही जबकि समूचे पर्वतीय क्षेत्र की जनता इस प्राधिकरण का विरोध कर रही तब भी भाजपा सरकार प्राधिकरण के मुद्दे पर जनता को केवल आश्वासन दे रही है। इससे प्रतीत होता है कि भाजपा की इस सरकार को जनता की दुःख तकलीफों से कुछ भी लेना देना नहीं है। श्री तिवारी ने कहा कि उन्होंने कांंग्रेसजनों के साथ भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर महामहिम को जनता की मांग पर डीडीए समाप्त करने के लिए ज्ञापन भी प्रेषित किये।परन्तु अभी तक प्राधिकरण को समाप्त ना किया जाना प्रदर्शित करता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार का जनता से कितना सरोकार है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आज लोग इस प्राधिकरण के कारण बेहद परेशान हैं।

समिति के प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने कहा कि विगत दिनों अल्मोड़ा पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता कर जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की बात कही थी। परन्तु अभी तक इसका शासनादेश तक जारी नहीं हो सका।अब ऐसे में जनता अपने भवन निर्माण मानचित्र स्वीकृति के लिए कहां जाए यह सोचनीय विषय है। श्री कर्नाटक ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तुरन्त इसका शासनादेश जारी हो जाना था, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार घोषणा करती है और घोषणा के उपरांत मामला ठन्डे बस्ते में चला जाता है।उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की जनता इस प्राधिकरण के लागू होने से कितनी त्रस्त है यदि सरकार ने इस बात की भी सर्वे करा ली होती तो सरकार प्राधिकरण निरस्तीकरण का शासनादेश तुरन्त जारी कर चुकी होती। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों से सरवदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले अल्मोड़ा की स्थानीय जनता लगातार आन्दोलनरत है परन्तु ना तो कभी सरकार के प्रतिनिधियों ने और ना ही सम्बन्धित अधिकारियों ने धरनास्थल पर आकर समिति से बात करना उचित समझा। उन्होंने कहा कि जब तक जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त कर इसका शासनादेश जारी नहीं कर दिया जाता तब तक समिति का धरना बदस्तूर जारी रहेगा। धरने की अध्यक्षता समिति के संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने तथा संचालन सभाषद हेम तिवारी ने किया। धरने में पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, पूर्व विधायक मनोज तिवारी, कांंग्रेस जिला उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी, कांंग्रेस जिला सचिव दीपांशु पान्डेय, हर्ष कनवाल, चन्द्रमणि भट्ट, महेश आर्या, सभासद हेम तिवारी, चन्द्रकान्त जोशी, ताराचंद साह, कंचन तिवारी, प्रवक्ता राजीव कर्नाटक, दिनेश जोशी, प्रताप सत्याल, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, एन डी पान्डेय, ललित मोहन पन्त, पी एस बोरा, एम सी काण्डपाल, चन्द्रशेखर सिराड़ी, भारतरत्न पान्डेय सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।