
अल्मोड़ा। जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा के बाल रोग विशेषज्ञ और महिला रोग विशेषज्ञ को चौखुटिया भेजे जाने के निर्णय को लेकर विधायक मनोज तिवारी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अल्मोड़ा नगर और आसपास के क्षेत्रों की जनता के साथ अन्याय है तथा प्रदेश की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीति को दर्शाता है। विधायक मनोज तिवारी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में पहले से ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। ऐसे में सरकार द्वारा दो विशेषज्ञ डॉक्टरों को अल्मोड़ा से चौखुटिया भेजना जनता के हितों की उपेक्षा है। उन्होंने कहा कि जिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति उन्होंने अपने प्रयासों से करवाई थी, उन्हीं को अब सरकार अन्यत्र भेज रही है, जो सरासर अनुचित है। तिवारी ने कहा कि जिला अस्पताल पर अल्मोड़ा नगर ही नहीं, बल्कि सैकड़ों गांवों की जनता की स्वास्थ्य सेवाओं की निर्भरता है। ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थानांतरण से आम जनता को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि चौखुटिया में चल रहे आंदोलन को शांत करने के लिए सरकार ने अल्मोड़ा अस्पताल से विशेषज्ञ भेजने का निर्णय लिया है ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके। विधायक तिवारी ने कहा कि वे अपनी विधानसभा से विशेषज्ञ चिकित्सकों को किसी भी कीमत पर नहीं जाने देंगे। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आदेश तत्काल निरस्त करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो अल्मोड़ा में भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिला अस्पताल से दो विशेषज्ञ चिकित्सक भेजे जाने के बावजूद अल्मोड़ा के भाजपा नेता मौन हैं, जिससे स्पष्ट है कि उन्हें जनता के स्वास्थ्य हितों से कोई सरोकार नहीं है। तिवारी ने कहा कि यदि आदेश वापस नहीं हुआ तो आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रदेश सरकार की होगी।





