
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवन्त खोलिया और मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के सभी कर्मचारियों ने गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी अपनी 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर राजकीय कार्य किया। कर्मचारियों ने सरकार और शासन के रवैये के खिलाफ नाराजगी जताई।
विरोध प्रदर्शन में प्रांतीय सलाहकार मनमोहन नेगी, टीका राम सती, बिरेन्द्र तोमर, भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, ज्योति पटवाल, कविता, बीना मैठाणी, तुलसी, रैमनी, उषा बंगारी, उर्मिला, आशीष चन्द्र, पुनीत डबराल, विकास पंवार, अरविन्द्र चौहान, अमित कोठारी, नरेन्द्र सिंह बिष्ट, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, संजय, दिपेन्द्र, शंकर नेगी, रोजी सिंह, मुकेश सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।
6 सितम्बर को राज्य कर भवन, देहरादून में सम्पन्न प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में एसोसिएशन ने चेतावनी दी थी कि यदि कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों—कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नई नियमावली, जीएसटी से जुड़े कार्यों के लिए यूटिलिटी, समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली से विभाग को मुक्त करने और आवास सुविधा—पर कार्यवाही नहीं हुई तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
एसोसिएशन का कहना है कि वर्ष 2006 से अब तक कर्मचारियों के ढांचे का पुनर्गठन नहीं हुआ, जबकि अधिकारियों के ढांचे का तीन बार (2006-07, 2014-15 और 2024-25) पुनर्गठन कर बड़ी संख्या में नए पद और कार्यालय बनाए गए। वर्तमान में विभाग में अधिकारियों के 481 पदों के मुकाबले कर्मचारियों के मात्र 777 पद स्वीकृत हैं, जो पिरामिड संरचना के बिल्कुल विपरीत स्थिति दर्शाता है।
कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार और शासन कर्मचारी ढांचे के पुनर्गठन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद कर्मचारियों पर कार्यभार कई गुना बढ़ा है, जिससे वे मानसिक रूप से भी दबाव झेल रहे हैं।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि 16 अक्टूबर तक मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो 17 अक्टूबर को प्रदेशभर की शाखाओं में सभी कर्मचारी विरोध स्वरूप सुबह 11 बजे से 12 बजे तक गेट मीटिंग करेंगे।