
विकासनगर(आरएनएस)। राजकीय शिक्षक संघ की हड़ताल के तहत इन दिनों शिक्षक मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को खून से लिखी पाती भेज रहे हैं। मंगलवार को कालसी और चकराता ब्लॉक के कुछ शिक्षकों के प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित करने के बाद बुधवार को विकासनगर ब्लॉक के शिक्षकों ने पीएम को खून से लिखे पत्रों में पीड़ा बताई। राजकीय शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सुधीर कांति ने कहा कि शिक्षक अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से लेकर प्रदेश सरकार तक मांगों पर कार्यवाही नहीं होने से निराश शिक्षकों को अपने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रदेशभर के शिक्षक अपने खून से लिखे पत्र में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती परीक्षा निरस्त करने व पदोन्नति और तबादला प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं। कहा कि शिक्षकों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याओं की ओर ध्यान देंगे। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर शिक्षक आत्मदाह को मजबूर हो जाएंगे। संघ के ब्लॉक मंत्री चंडी प्रसाद नौटियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार शिक्षकों का उत्पीड़न कर रही है। जायज मांगों पर कार्यवाही नहीं होने से शिक्षक खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ब्लॉक मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों की मांगों पर कार्यवाही करने के बजाय उनका उत्पीड़न कर रही है। शिक्षक ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से उनके मनोबल पर प्रभाव पड़ रहा है। प्रधानमंत्री को खून से लिखे पत्र भेजने वालों में जीएल दौरियाल, दिगंबर नेगी, बलविदंर कौर, संजय गैरोला, रविंद्र कैंतुरा, नीलू चौहान, सीमा चौहान, हयात सिंह, इंदू, मुन्नी, राजीव अग्रवाल और अमिताभ सिंह आदि शामिल रहे।