माणा हिमस्खलन क्षेत्र का एनडीएमए दल ने किया स्थलीय निरीक्षण, राहत कार्यों की समीक्षा

चमोली। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को चमोली जिले के माणा गांव के समीप 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य घटना का विश्लेषण कर आपदा प्रबंधन की रणनीतियों को और प्रभावी बनाना तथा भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करना है।
एनडीएमए की टीम सुबह 9 बजे हेलीकॉप्टर से बद्रीनाथ धाम पहुंची और वहां से प्रभावित स्थल तक जाकर घटनास्थल का सूक्ष्म अवलोकन किया। इस दौरान टीम ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों से घटना से जुड़ी जानकारी ली और राहत-बचाव अभियानों की समीक्षा की।
टीम का नेतृत्व कर रहे ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) रविन्द्र गुरुंग ने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को न्यूनतम करने और राहत कार्यों को अधिक कारगर बनाने के लिए सिफारिशें तैयार की जाएंगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का उद्देश्य भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं के लिए पूर्व तैयारियों को सुनिश्चित करना है।
उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी 2025 को हुए हिमस्खलन की घटना में कुल 54 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 46 को सकुशल बचा लिया गया था, जबकि 8 मजदूरों की मृत्यु हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन की वर्तमान नीतियों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
निरीक्षण के दौरान जीडीआरएफ के वैज्ञानिक डॉ. अमरीश सिंह, एनडीआरएफ के वैज्ञानिक डॉ. ए. उपाध्याय, 15 एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश कुमार, उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर विशिष्ट, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी, और आईटीबीपी के कमांडिंग ऑफिसर पीयूष सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।